दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को विज्ञान भवन में आयोजित ‘भारतीय युवा संसद’ में देश से गरीबी उन्मूलन एवं भुखमरी दूर करने में मदद करने के तौर-तरीकों के बारे में बात की। इस दौरान सामाजिक क्षेत्र के अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे जिन्होंने 2030 तक “क्या युवा भारत जीरो हंगर-जीरो पॉवर्टी ला सकता है? विषय पर अपने विचार रखे। भारत को एक शिक्षित राष्ट्र में बदलने की आवश्यकता और गरीबी और भूख की समस्या पर अपने विचार रखते हुए सिसोदिया ने कहा कि भुखमरी और गरीबी उन्मूलन का काम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की प्रक्रिया में तेजी लाने से होगा और तभी भारत को विकास और सफलता की ओर बढ़ाया जा सकेगा।
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उन्होंने कहा कि जब मैं स्कूल में पढ़ता था, उस समय हमें सिखाया गया था कि तीन प्रकार के देश हैं, विकसित, विकासशील और अविकसित देश। पिछले कुछ दशकों से भारत एक विकासशील देश बना हुआ है। हमें उम्मीद थी कि अगले 8 से 10 वर्षों में भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा लेकिन आज हमें देखो, हम अभी भी अपने बच्चों को सिखाते हैं कि हमारा देश एक विकासशील देश है। यह देखकर दुख होता है कि एक देश जिसके पास संसाधनों का भंडार है। जिसके पास मूल विचारक और प्रतिभाशाली दिमाग है, वह देश अभी भी गरीबी और भुखमरी के मुद्दों से जूझ रहा है।