असम पुलिस ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से संबंधित बयानबाजी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज की है। ममता बनर्जी ने कहा था कि मोदी सरकार असम से बंगालियों को बाहर निकालने की साजिश के तहत एनआरसी को अपडेट कर रही है। वही इस बयान के जवाब में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार का इरादा किसी को असम से भगाने का नहीं है। दरअसल, बुधवार को पश्चिम बंगाल के अहमदपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने बीजेपी की अगुवाई वाली राजग सरकार पर एनआरसी के पहले मसौदे में बंगालियों के नाम हटाकर उन्हें असम से बाहर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
ममता के इस बयान के बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी पर राजनीतिक फायदे के लिए इसको मुद्दा बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। ममता बनर्जी ने कहा है, ”मैं केंद्र की बीजेपी सरकार को आग से नहीं खेलने की चेतावनी देती हूं। यह करीब 1.80 करोड़ लोगों को राज्य से खदेड़ने की केंद्र सरकार की साजिश है।” गुवाहाटी पुलिस के उपायुक्त रंजन भुइयां ने बताया कि लतासिल थाने को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के एक कथित भाषण के संदर्भ में शिकायत मिली है। हमने शिकायत दर्ज कर ली है और नियमों के अनुरूप जांच करेंगे।
रंजन भुइयां ने बताया कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता तैलेंद्र नाथ दास ने ममता बनर्जी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस ने IPC की धारा 153 (A) के तहत FIR दर्ज कर ली है। ममता के बयान पर बृहस्पतिवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार का इरादा किसी को असम से भगाने का नहीं है। जिनका नाम सूची में शामिल नहीं है, उन्हें ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील करने का अधिकार है। इस मुद्दे पर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ।
टीएमसी के सदस्यों ने सरकार पर एनआरसी के बहाने असम से बंगालियों को भगाने की साजिश रचने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि एनआरसी की सूची में 1.9 करोड़ लोगों के नाम हैं। शेष 1.39 करोड़ लोगों के नाम शामिल नहीं होने से राज्य में सियासी विवाद खड़ा हो गया है। शून्यकाल में टीएमसी के सौगत राय ने इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि एनआरसी में जिन 1.39 करोड़ लोगों को जगह नहीं दी गई है उनमें बांग्ला बोलने वाले लोग शामिल हैं। साजिश का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें दो सांसदों के नाम भी शामिल नहीं किए गए हैं।
राय ने एनआरसी के बहाने असम से बांग्लाभाषियों को भगाने की साजिश रचने का आरोप लगाया। हंगामे के बाद गृह मंत्री ने कहा कि ऐसे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। एनआरसी का काम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है। जिनका नाम छूट गया है उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। उनके पास ट्रिब्यूनल में अपील करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा राज्य से किसी को भगाने का नहीं है।
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