नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने उपभोक्ता मंत्रालय, कृषि मंत्रालय व भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से हर साल लाखों टन अनाज, फल सब्जी को सड़ने से बचाने के लिए ठोस नीति बनाए जाने की मांग पर जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस वीके राव की बेंच ने सभी से चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी 2019 तय की गई है। यह याचिका सलेक चंद्र जैन ने दाखिल की है।
उनकी ओर से पेश हुए वकील जेके गुप्ता ने कोर्ट से कहा कि खाद्य प्रदार्थों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने को लेकर कोई ठोस नीति व आधारभूत संरचना नहीं होने के कारण हर साल लाखों मीट्रिक टन अनाज, दालें, सब्जी व फल सड़ जाते हैं। इस वजह से किसानों को अपने फसल उत्पाद कम कीमत पर भी बेचने पड़ते हैं। घाटा होने की वजह से ऋण नहीं भरने के कारण हर साल सैंकड़ों किसानों की आत्महत्या करने की वजह भी यही है। खाद्य प्रदार्थों को सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। अगर हो तो ऐसी नौबत ही नहीं आए।
खाद्य सुरक्षा मुद्दे पर जताई चिंता
– इमरान खान