नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बनाई गई रोगी कल्याण समिती जिसके माध्यम से अस्पताल में आने वाले मरीजों को सुविधाएं दी जानी थी। इसे एक पत्र के माध्यम से 7 मई, 2015 को स्थापित किया गया और इसके चेयरमैन आम आदमी पार्टी के विधायक थे। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में विधायक चेयरमैन बना दिए गए कमेटी गठित कर दी गई जिसमें सचिव सदस्य अस्पताल के सीडीएमओ और मुख्यमंत्री खुद उसके सदस्य रहेंगे ऐसा तय हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि 75 लाख रुपए तक की सहायता रोगी कल्याण समिति में की जाएगी जिसमें पांच लाख रुपए का टॉप-अप करके हर वर्ष आवश्यकता अनुसार दिया जाएगा। पांच वर्षों में रोगी कल्याण समिति की स्थिति सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत सामने आई है। विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि रोगी कल्याण समिती 2010 में कांग्रेस ने बनाई 2015 में दोबारा आम आदमी पार्टी ने नियम कानून बनाकर इसे गठित किया।
इस समिति में पहली बात तो पैसा आया नहीं और जिस अस्पताल में आया उसे पूरा खर्च नहीं किया गया। रोगी कल्याण समिति पूरी तरह से निष्क्रिय रही जिसके द्वारा कोई काम मरीजों के हित के लिए नहीं किया गया। जिन अस्पतालों की समिति से राशि खर्च हुई उसमें साइन बोर्ड बनावाये गये, महंगे टीवी खरीदे गये, ऑडिट पर खर्च किया गया और विधायकों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए धन का दुरुपयोग किया।
नेता विपक्ष ने कहा कि रोगी कल्याण समिति में आने वाले फंड से दवाइयां, अस्पताल की मशीनें और रोगियों के सहयोग के लिए खर्च किया जाना था। दिल्ली सरकार ने इस ओर लापरवाही बरतते हुए पांच साल केवल चाय नाश्ता किया, लेकिन जनता के हित के लिए काम नहीं किया। उप राज्यपाल का आदेश था कि सदस्यों की हर महीने मीटिंग होगी, लेकिन एक भी मीटिंग नहीं हुई। कई जगहों पर बैंक अकाउंट नहीं खोला गया। इस तरह आम आदमी पार्टी के 24 विधायकों ने दिल्ली की जनता के साथ धोखा किया और कल्याण समिति के नाम पर जनता को गुमराह किया गया।
पूर्व विधायक अनिल वाजपेयी ने कहा कि मैं स्वंय एलएनजेपी अस्पताल का चेयरमैन था, जो कि दिल्ली का सबसे बड़ा अस्पताल है। चार बार मीटिंग बुलाई गई, लेकिन मीटिंग में उपस्थितिव काम करने को लेकर कोई गम्भीर नहीं दिखा। आम आदमी पार्टी की सरकार का कार्यकाल समाप्त होने को आया जिसमें सीडीएमओ अस्पताल मीटिंग में नहीं आए। एलएनजेपी अस्पताल में स्ट्रेचर व रेफ्रीजरेटर तक नहीं था जिसे मैनें उपलब्ध करवाया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के नाम पर ढोल बजाकर मुख्यमंत्री पार्क के अन्दर मीटिंग का आयोजन करते थे और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन विधायक जिन्हें चैयरमेन बनाया गया था उनकी बात तक नहीं सुनते थे।