नई दिल्ली : पुलिसिया रौब सैकड़ों मरीजों की जान पर तब भारी पड़ गया जब सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी। दरअसल, रविवार सुबह करीब सात बजे दिल्ली पुलिस हेडकांस्टेबल विरेंद्र अपने बेटे अक्षय के साथ सफदरजंग अस्पताल के आपातकालीन विभाग में पहुंचे। इस दौरान उनके साथ सिपाही विनोद भी मौजूद था।
यहां पहुंचते ही उन्होंने वीवीआईपी ट्रीटमेंट मांगा, लेकिन इलाज में देरी होने पर वह मौके पर मौजूद रेजिडेंट्स डॉक्टरों से भिड़ गया, हालात मारपीट तक पहुंच गई। डाक्टरों के साथ हुई मारपीट के बाद रेजिडेंट्स डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए, जिससे उपचार करवाने अस्पताल आए सैकड़ों मरीजों का इलाज नहीं हो पाया। मरीज उपचार के लिए एक जगह से दूसरे जगह घूमते हुए दिखाई दिए।
नंदनगरी से बीमार बेटी का उपचार करवाने पहुंची लाजवंती ने बताया कि उनकी बेटी बार-बार बेहोश हो रही थी, वह पास के निजी अस्पताल में पहुंची लेकिन उन्होंने सफदरजंग अस्पताल जाने के लिए कहा। यहां पहुंचने के बाद हड़ताल का पता चला। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई डाक्टरों से बात की लेकिन किसी ने सेवाएं नहीं दी।
मजबूर होकर बेटी को एम्स के आपातकालीन विभाग में ले जाना पड़ा। वहीं अन्य मरीजों ने कहा कि सोमवार को अस्पताल में ज्यादा मरीज आते हैं, यदि डाक्टरों की हड़ताल खत्म नहीं हुई तो यहां आने वाले हजारों मरीज परेशान होंगे। बता दें कि सफदरजंग अस्पताल में दिल्ली ही नहीं देश के अन्य राज्यों से भी मरीज उपचार करवाने आते हैं।
डॉक्टर से मारपीट मामले में दो पुलिसकर्मी निलंबित
दक्षिणी दिल्ली : डॉक्टर के साथ मारपीट मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित पुलिसकर्मियों की पहचान हवलदार वीरेंद्र और सिपाही विनोद के रूप में की गई है, जो दोनों सफदरजंग अस्पताल की पुलिस चौकी में तैनात बताए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हवलदार वीरेंद्र के बेटे अक्षय ने ही डॉक्टर रविंद्र की पिटाई की थी, जिस दौरान दोनों पुलिसकर्मी अस्पताल में मौजूद थे।
आरोप है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव करने के बजाए अक्षय का साथ दिया। मामले की सूचना आला अधिकारियों को मिलने के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस को सुबह सात बजे के करीब डॉक्टर रविंद्र नाथ ठाकुर के साथ मारपीट की जानकारी मिली थी, जिसके बाद सफदरजंग अस्पताल पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची। जांच में पता चला कि मरीज अक्षय अपने पेट में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचा था, जिस दौरान उसका डॉक्टर के साथ विवाद हो गया।
मामले की जांच के दौरान अक्षय के पिता हवलदार वीरेंद्र और सिपाही विनोद की तरफ से लापरवाही की जानकारी मिली, जिसके बाद विभागीय कार्रवाई करते हुए उनको निलंबित किया गया। जिला पुलिस उपायुक्त देवेंद्र आर्य ने बताया कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मारपीट, सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई, जिसके बाद मामले की जांच की जा रही है।
मांगे पूरी होने पर खत्म होगी हड़ताल… सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट्स डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश ठाकुर ने कहा कि हमारे साथ कभी भी मारपीट हो जाती है। जब तक हमें सुरक्षा नहीं मिलती, हमारी हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने मेडिकल सुपरिटेंडेंट को पत्र लिखते हुए कहा कि अस्पताल में प्रति शिफ्ट 15 मार्शल तैनात किए जाने चाहिए। यहां 60 मार्शलों के अलावा आपातकालीन विभाग की नए भवन में 200 गार्ड भी तैनात होने चाहिए। इसमें महिला सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना के आरोपी विनोद कुमार पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही डाक्टरों के साथ होने वाले दुर्घटना पर भत्ता दिया जाना चाहिए। उन्होंने मांग रखी कि किदवाई नगर में डाक्टरों के लिए एक हजार रूम का हॉस्टल (नया भवन) बनाना चाहिए। साथ ही अन्य सुविधाएं भी दी जानी चाहिए।
अरुणा आसफ अली में पूर्व महिला पुलिस कर्मचारी ने दिखाया रौब
सिविल लाइन स्थित अरुणा आसफ अली अस्पताल में पूर्व महिला पुलिस कर्मचारी सुरेश ने अपने दो बेटों के साथ शनिवार को अस्पताल में काफी उत्पात मचाया। दरअसल शनिवार को वह कश्मीरी गेट पर किसी से झगड़ा करके अस्पताल में पहुंची थी। इसी दौरान किसी बात को लेकर वह डाक्टरों के साथ भिड़ गई। इसी दौरान उनके 20-22 साल के दो बेटों ने भी हाथापाई शुरू कर दी। घटना के संबंध में अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डाक्टर सुमंत सिन्हा ने कहा कि यदि आरोपी महिला पुलिसकर्मी व उनके बेटों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी तो डाक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।