केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों को पूरा कर लिया है। इस बात की जानकारी स्वयं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दी है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में COVID-19 टीकाकरण अभियान के पहले चरण के लिए 89 साइट्स को अंतिम रूप दिया गया है। सरकार ने 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान के लिए 36 सरकारी और 53 निजी अस्पतालों की पहचान की है। पहले चरण में, केवल स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा।
वैक्सीन विकसित करने में वैज्ञानिकों को 5 साल तक लग जाते है, लेकिन इस बार खतरा बड़ा था। रोज मौतें हो रही है, इकोनॉमी को झटके लग रहे थे लिहाजा हमारे वैज्ञानिकों से सुपर स्पीड से काम किया लेकिन इस बात का ध्यान रखा कि वैक्सीन की क्वालिटी पर तनिक भी सवाल खड़े न हों। इसी का नतीजा ये है कि 16 जनवरी 2021 को भारत में कोरोना की पहली वैक्सीन लगने जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को ये खुशखबरी दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है, कोरोना से लड़ाई में 16 जनवरी को एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाने जा रहे है। इस दिन से नेशनल लेवल पर वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू होगा। इसमें हमारे बहादुर डॉक्टरों, हेल्थकेयर वर्कर्स, सफाई कर्मचारियों सहित सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी।
वैक्सीनेशन के पूर्वाभ्यास के लिए अब तक 2 बार ड्राई रन किया जा चुके है। ये पहले ही तय हो चुका है कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में तीन करोड़ भारतीयों को वैक्सीन लगाई जाएगी। जिन्हें तीन ग्रुप्स में बांटा गया है। पहला ग्रुप हेल्थकेयर वर्कर्स का है, इसमें स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े एक करोड़ कर्मचारी शामिल होंगे। दूसरा ग्रुप होगा फ्रंटलाइन वर्कर्स का, इसमें केंद्र और राज्यों की पुलिस अर्धसैनिक बलों, आपाताकालीन सेवाओं से जुड़े कर्मचारी और निगम कर्मचारी शामिल होंगे।
तीसरा ग्रुप होगा 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले नागरिक और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों का। कोरोना की वैक्सीन पहले किसे और कैसे मिलेगी इसकी प्लानिंग के साथ-साथ वैक्सीन की डिलीवरी और स्टोरेज की तैयारी भी पूरी हो चुकी है।