राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ पहले जल आपूर्ति को लेकर दिल्ली और हरियाणा सरकार के मध्य हुए विवाद में उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जोरदार झटका दिया। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में जलापूर्ति को लेकर 1996 के एक आदेश के कथित उल्लंघन संबंधी हरियाणा के खिलाफ दिल्ली सरकार की ओर से दायर अवमानना याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति एल एन राव की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की याचिका को खारिज करते हुए उससे कहा कि इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार से बातचीत करे। दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी कि 29 फरवरी 1996 के आदेश के अनुसार हरियाणा सरकार को वजीराबाद जलाशय को पूरा भरा रखना था, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है।
पीठ ने सिंह से कहा,‘‘ कृप्या करके अपने मुवक्किल से कहें कि वह अर्जी पर अर्जी दाखिल नहीं करें।’’ इसके साथ ही न्यायालय ने अवमानना याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा,‘‘ अवमानना खारिज की जाती है’’ साथ ही पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह इस मसले पर हरियाणा सरकार से बातचीत करे।
न्यायमूर्ति एल एन राव की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की याचिका को खारिज करते हुए उससे कहा कि इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार से बातचीत करे। दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी कि 29 फरवरी 1996 के आदेश के अनुसार हरियाणा सरकार को वजीराबाद जलाशय को पूरा भरा रखना था, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है।
पीठ ने सिंह से कहा,‘‘ कृप्या करके अपने मुवक्किल से कहें कि वह अर्जी पर अर्जी दाखिल नहीं करें।’’ इसके साथ ही न्यायालय ने अवमानना याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा,‘‘ अवमानना खारिज की जाती है’’ साथ ही पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह इस मसले पर हरियाणा सरकार से बातचीत करे।