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स्कूल की छत गिरी, छात्राएं घायल

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के जाफराबाद स्थित स्कूल में सोमवार को उस वक्त छात्राओं की जान खतरे में पड़ गई, जब स्कूल की छत का हिस्सा टूट कर छात्राओं के ऊपर आकर गिर गया।

नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम के जाफराबाद स्थित स्कूल में सोमवार को उस वक्त छात्राओं की जान खतरे में पड़ गई, जब स्कूल की छत का हिस्सा टूट कर छात्राओं के ऊपर आकर गिर गया। गनीमत रही कि छात्रा बेंच से थोड़ी दूर पर बैठी थी, जिसकी वजह से वह गंभीर हादसा होने से टल गया। हालांकि इस हादसे में भी उसके चेहरे और हाथ में चोट आई है। 
उधर स्कूल की छत का हिस्सा गिरने पर विपक्ष ने भी न सिर्फ अधिकारियों बल्कि महापौर अंजू और शिक्षा समिति के अध्यक्ष पर हमलावर रुख इख्तियार कर लिया है। जाफराबाद के निगम प्राथमिक विद्यालय में सोमवार सुबह लगभग 10 बजे के करीब छात्राएं कक्षा में पढ़ रही थीं। उसी दौरान छत के लैंटर का कुछ हिस्सा नीचे आ गिरा, जिसकी चपेट में आने से दो छात्राएं मामूली रूप से घायल हो गई। 
घायल छात्राओं के नाम नायला परवीन और रायना सिद्दीकी हैं। सच तो यह है कि यह हिस्सा ज्यादा नहीं गिरा, वरना बड़ा हादसा भी हो सकता था। घटना की जानकारी मिलते ही निगम के कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। स्थानीय निगम पार्षद रेशमा परवीन का कहना था कि आठ महीने पहले भी इस स्कूल के एक अन्य कमरे का भी प्लास्टर गिरा था। इसके बाद से शिक्षा समिति अध्यक्ष राजकुमार बल्लन ने निगम के सभी प्रधानाचार्य और इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा था कि सभी निगम स्कूलों का निरीक्षण कर खामियां दूर करें। 
इस मामले की जांच की जाएगी कि इस घटना के लिए कौन दोषी है। वहीं इसी मामले को लेकर सदन की बैठक में भी जमकर हंगामा हुआ। पार्षद का कहना था कि बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। अगर स्कूल का प्लास्टर का बड़ा हिस्सा बच्चों के ऊपर गिर जाता तो उसका कौन जिम्मेदार था। बैठक के दौरान महापौर ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले में पूरी जांच की जाएगी, जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अन्य स्कूलों की भी बिल्डिंग है जर्जर…न सिर्फ पूर्वी दिल्ली नगर निगम, बल्कि भाजपा शासित तीनों नगर निगमों में कई ऐसे विद्यालय चल रहे हैं, जिनके बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है। जिस विद्यालय में ये हादसा हुआ है, ये 28 वर्ष पुरानी है। जबकि निगम के नियमों के मुताबिक 25 वर्ष से पुरानी बिल्डिंग में स्कूल चलाए जाने की अनुमति नहीं दी जाती। 
ऐसे में तीन साल बीत जाने के बाद भी किसी अधिकारी ने इसे बंद कराने या मरम्मत कराने की जहमत तक नहीं की। हालांकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति अध्यक्ष संदीप कपूर ने कहा कि निगम के सभी विद्यालयों के भवनों की जांच की जाएगी। अगर किसी बिल्डिंग की हालत खराब है तो उसे तत्काल मरम्मत कराई जाएगी। 

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