नई दिल्ली : किसी का हुक्म है इस गुलशन में बस अब एक रंग के ही फूल होंगे…सभी का खून शामिल यहां की मिट्टी में किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है आदि नारे अब केवल शाहीन बाग प्रोटेस्ट में बैनरों पर ही देखने को नहीं मिलेंगे।
बल्कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध कर रही महिलाओं के इस जज्बे को अब सोशल मीडिया पर भी परवान चढ़ाने की कोशिश शुरू हो गई है और यह सब किया जा रहा है जेएनयू, जामिया और अन्य यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कुछ स्टूडेंट्स युवाओं के जरिए।
इन युवाओं ने शाहीन बाग के इस प्रोटेस्ट को बड़ी चिंगारी देने के लिए ऐसी आईडी बनाई है, जो फेसबुक, ट्विटर और अन्य साइटों पर एक ही नाम से सांझा की जा सकेंगी। जिसपर लोग अपनी बात जब कहेंगे तो वह हर सोशल मीडिया पर एक साथ पहुंचेगी।
इसलिए अपनाया यह रास्ता
सोशल मीडिया युवा दल का नेतृत्व कर रहे शुवोप्रियो रॉय ने बताया कि जेएनयू में भी शांतिपूर्ण तरीके से ही प्रोटेस्ट किया जा रहा था। उस प्रोटेस्ट को तोड़ने के लिए ही रविवार रात को हिंसा हुई है। शाहीन बाग में यह महिलाएं लंबे समय से निस्वार्थ, किसी भी राजनीति से दूर रहकर अपना प्रदर्शन कर रही हैं।
जब जेएनयू जैसी सुरक्षित जगह में इस प्रकार की हिंसा हो सकती है तो इन महिलाओं के साथ तो कुछ भी हो सकता है। इसलिए ही स्टूडेंट्स ने इसे ऐसा मंच देने की योजना बनाई है जिससे अगर यहां पर यह प्रोटेस्ट टूटे तो वह बड़े स्तर पर आगे जुड़ा रहे। और इसे फिर से दोबारा बड़े स्तर पर शुरू किया जा सके। इसकी शुरुआत कर दी गई है।
एक नाम से सभी जगह आईडी…शाहीन बाग के महिलाओं के प्रोटेस्ट को बड़ा मुकाम देने के लिए ही शाहीनबागऑफ1 (shaheenbaghoff1) नामक डोमेन आईडी तैयार की गई है। ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल साइटों पर इसी नाम से यह आईडी युवा रन करा रहे हैं। शाहीन बाग में देश भर से आकर चर्चा करने वाले लोगों की बातों को अब इस आईडी के जरिए शेयर किया जाएगा। देश भर के युवा और अन्य लोग सीएए और एनआरसी को लेकर महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रोटेस्ट के बारे में जान सकेंगे।
इसलिए कर रही महिलाएं प्रोटेस्ट
प्रदर्शन में शामिल गुलबानो, महरूनिशा, सरबरी, तरूनुम बेगन, सबीना आदि महिलाओं का कहना है कि हमें फिक्र अपने बच्चों की नहीं, उनका कहना है कि अगर गृहमंत्री एक इंच पीछे नहीं हट सकते तो वह हमसे पीछे हटने की उम्मीद न करें। नूरजहां व इकरा ने बताया कि हम नहीं चाहते कि कोई राजनीति की रोटियां सेके। जो जुड़े वह सही बात के लिए जुड़े। सभी महिलाओं ने जेएनयू में हुई घटना की निंदा की है।
सुरक्षा के लिए उठा रहे यह कदम…युवा स्वयंसेवक देर रात आने वाले लोगों से अब अपील कर रहे हैं कि वे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए देरी से नहीं आएं। प्रदर्शन भंग करने वालों को अंदर जाने से रोकने के लिए शाहीन बाग में हर जगह एंट्री गेट्स पर स्वयंसेवक नियुक्त हैं। स्वयंसेवक मतलूब आलम का कहना है कि इस प्रदर्शन में हंगामा खड़ा करने वाले शरारती तत्व न आ सकें इस पर सख्त नज़र रखी जा रही है।
लोगों को हमारी सख्ती पर गुस्सा तो आ रहा है लेकिन यह सब हम उनकी सुरक्षा के लिए ही कर रहे हैं। बता दें कि महिलाओं के इस प्रदर्शन को अब 200 से अधिक संस्थाएं सहयोग दे रही हैं। रोज एकजुटता व्यक्त करने के लिए देश भर से भारी संख्या में कई सामाजिक कार्यकर्ता भी यहां पर पहुंच रहे हैं।