नई दिल्ली : कांग्रेस-आप के गठबंधन को लेकर राजनीति चरम पर है। दोनों पार्टियां अपनी-अपनी शर्तों पर अड़ी हुई हैं। आम आदमी पार्टी (आप) जहां दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा में भी गठबंधन चाहती है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि गठबंधन सिर्फ दिल्ली में होगा। लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब कांग्रेस-आप के गठबंधन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए शरद पवार दोनों के बीच मध्यस्थता करेंगे। इससे पहल देर रात को कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद और पीसी चाको तथा आप पार्टी से संजय सिंह और मनीष सिसोदिया के बीच बैठक होने वाली है। पूरी संभावना है कि गुरुवार को गठबंधन की घोषणा कर दी जाएगी।
इसमें फार्मूला कुछ भी हो सकता है। दूसरी तरफ बुधवार को पूरे दिन गठबंधन को लेकर अटकलों का बाजार गर्म रहा। यहां तक की भाजपा कार्यालय में भी कांग्रेस-आप के गठबंधन की चर्चा रही। हालांकि देर रात तक भी निर्णयात्मक स्तर पर कुछ सामने नहीं आ सका। गौरतलब है कि आप दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और चंडीगढ़ में भी गठबंधन करना चाह रही है जबकि कांग्रेस गठबंधन को दिल्ली तक ही सीमित रखना चाहती है। मंगलवार को आप के राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता और संजय सिंह ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा से भी मुलाकात की। हालांकि बात बनी नहीं।
शाम को वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद ने भी सार्वजनिक रूप से बयान दे दिया कि हरियाणा में कोई गठबंधन नहीं हो रहा। इसके बाद कयास लगने शुरू हाे गए कि हरियाणा में हो या नहीं, लेकिन दिल्ली में चार और तीन सीट के फार्मूले पर गठबंधन तय है, जल्द ही इस आशय की घोषणा भी हो सकती है। लेकिन देर शाम संजय सिंह का बयान आ गया कि कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन संभव नहीं है। हालांकि परदे के पीछे से दोनों पार्टियों के सूत्र यह भी कहते रहे कि बातचीत चल रही है, कभी भी गठबंधन की घोषणा हो सकती है। दूसरी तरफ अगर दिल्ली में भी गठबंधन पर सहमति नहीं बनी तो कांग्रेस गुरुवार को दिल्ली की सातों सीटों से अपने उम्मीदवार उतार देगी।
सूत्रों के मुताबिक चार सीटों पर तो पार्टी अपने प्रत्याशी तय कर ही चुकी है, गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित से मुलाकात के बाद बाकी बची हुई तीन सीटों पर भी अपने उम्मीदवार तय कर देगी। हालांकि इस घोषणा के बाद भी गठबंधन की संभावनाओं पर विराम नहीं लगेगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक आप ने गठबंधन को लेकर इसके बाद भी सकारात्मक रूख दिया तो उस पर विचार कर लिया जाएगा।
– सुरेन्द्र पंडित