नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में खासी हलचल है। गुरुवार को पहले एआईसीसी के वार रूम में इस गठबंधन को लेकर हुई बैठक के बाद शुक्रवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की बैठक प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के घर पर हुई। इस बैठक का मुख्य मुद्दा गठबंधन का ही था जिसमें यहां मौजूद सभी नेताओं ने साफ तौर पर एक प्रस्ताव पास किया कि प्रदेश कांग्रेस आप पार्टी से दिल्ली में गठबंधन नहीं चाहती है।
इसका समर्थन यहां मौजूद सभी नेताओं ने एकसुर में हाथ उठाकर किया। इस मौके पर शीला दीक्षित के साथ-साथ तीनों कार्यकारी अध्यक्ष युसूफ हारुन, राजेश लिलोठिया, देवेन्द्र यादव, जेपी अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा, मंगतराम सिंघल, रमाकांत गोस्वामी, जितेन्द्र कोचर, शर्मिष्ठा मुखर्जी आदि मौजूद थीं। कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया का कहना है कि चुनाव बूथ लेबल के कार्यकर्ता लड़ाते हैं और प्रदेश का कोई भी नेता और कार्यकर्ता आप से गठबंधन नहीं चाहता है।
लिलोठिया का कहना है कि पहले ये तो बताएं कि आप पार्टी के नेता कांग्रेस में किससे बात कर रहे हैं? वह प्रदेश के किसी भी नेता, यहां तक प्रदेश अध्यक्ष तक से बात नहीं की है, वह लोग हवा में और मीडिया में गठबंधन के लिए माहौल बनाने में लगे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि आप पार्टी सीधे राहुल गांधी जी से बात कर रहे हैं तो वे (राहुल गांधी) प्रदेश कांग्रेस से तो पूछेंगे ना कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस क्या चाहती है, यहां कार्यकर्ता क्या चाहते हैं।
‘मैं कहना चाहता हूं कि प्रदेश का एक भी नेता या कार्यकर्ता आप पार्टी से गठबंधन नहीं चाहता है।’ अगर पार्टी आलाकमान हमसे गठबंधन के बारे में पूछेगी तो हमारा जवाब भी ना ही होगा। साथ ही लिलोठिया ने कहा कि आप पार्टी की पोल दिल्ली की जनता में खुल चुकी है। यही वजह है कि अब उसे कांग्रेस के सहारे की जरूरत महसूस हो रही है। इसलिए आप के मुखिया केजरीवाल सार्वजनिक मंचों से गठबंधन का राग अलाप रहे हैं।