दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अनेक जगहों पर जमकर प्रदर्शन किया जाने लगा है। इस बीच दिल्ली में पुलिस की कमान बदल गई है। अब आईपीएस अधिकारी एसएन श्रीवास्तव को दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया गया है। दिल्ली हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त की भूमिका निभा रहे एसएन श्रीवास्तव अब अमूल्य पटनायक की जगह नियुक्त किये गए हैं ।
एसएन श्रीवास्तव को पुलिस कमिश्नर बनाने की हरी झंडी गृह मंत्रालय ने दे दी है और वे कल अपना पदभार संभाल लेंगे। दिल्ली के वर्तमान पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक का कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म हो रहा था, लेकिन उन्हें एक महीने का एक्सटेंशन दिया गया था। बता दें दिल्ली में श्रीवास्तव को उस समय अचानक बुलाया गया, जब उत्तर पूर्वी दिल्ली का जाफरबाद, सीलमपुर, चांद बाग, भजनपुरा, करावल नगर, खजूरी खास, कर्दमपुरी, बाबरपुर इलाके हिंसा की आग में जल रहे थे।
इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के एक हवलदार रतन लाल और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के सुरक्षा सहायक अंकित शर्मा भीड़ द्वारा घेर कर मार दिए गए। मंगलवार को श्रीवास्तव को सीआरपीएफ से अचानक वापस लाकर विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) बनाया गया और उसी दिन मोदी के विश्वासपात्र राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल को शांति का संदेश देने के लिए दिल्ली की सड़कों पर खुद उतरना पड़ा।
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जाफराबाद की जलन को कम करने के लिए केंद्रीय हुकूमत द्वारा एक ही रात में अजित डोभाल और एस. एन. श्रीवास्तव जैसे अनुभवी अधिकारी को दिल्ली की जनता के बीच एक साथ उतारा गया। इसके बाद हिंसा की आग में जल रहे जाफराबाद में शांति छा गई। अब यहां न फथराव है और न ही गोलीबारी। ऐसे में सब कुछ साफ-साफ सामने है।
जलते हुए जाफराबाद की आग जिस पुलिस अफसर (श्रीवास्तव) ने अपने कदमों की आहट से चंद घंटों में दबा-बुझा दी हो और अमूल्य पटनायक के रिटायर होने के बाद कमिश्नर की कुर्सी भी खाली हो तो इन तमाम हालातों में भला एस. एन. श्रीवास्तव जैसे बेहद सधे हुए आईपीएस को दिल्ली पुलिस कमिश्नर की कुर्सी पर बैठाने में क्या अड़चन हो सकती है।