दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उसने अदालत द्वारा 2007 में दिये गए उस आदेश में बदलाव का अनुरोध किया था जिसके तहत बंदरों को पकड़कर उन्हें रिज इलाके में छोड़ने का निर्देश दिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायामूर्ति सी हरि शंकर की एक पीठ ने कहा कि एक बार अदालत ने जब 2007 में अंतिम फैसला देकर मामले को निस्तारित कर दिया था, तब अगर कोई आदेश से खुश नहीं है तो उसे अपील या पुनर्विचार के लिये आवेदन देना चाहिए न कि फैसले में संशोधन के लिये आवेदन देना चाहिए।
पीठ ने निगम से कहा कि अदालत, “आपकी (एसडीएमसी) अक्षमता, अपात्रता और जानबूझ कर आदेश का अनुपालन नहीं करने के किसी भी कारण को नहीं सुनने जा रही है।” अदालत ने कहा, “निर्देशों के साथ रिट याचिका के निस्तारण के बाद संशोधन के लिये ऐसे आवेदन को मंजूर नहीं किया जा सकता। हमें इस पर गौर करने का कोई कारण नजर नहीं आता। याचिका खारिज की जाती है।”