पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिवंगत नेता रामविलास पासवान के दिल्ली स्थित 12 जनपथ सरकारी आवास को खाली करने का आदेश मिलने के बाद बंगले में रामविलास पासवान की प्रतिमा लगवा दी गई। इसी बीच बेटे चिराग पासवान ने बंगले को खाली करने के कुछ समय मांगा है।
12 जनपथ स्थित इस बंगले को बीते दिनों रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम से आवंटित कर दिया गया था। केंद्रीय कैबिनेट में हुए फेरबदल के बाद नए केंद्रीय मंत्रियों को बंगला अलॉट होना शुरू हो गया है। ऐसे में 12 जनपथ स्थित बंगले में पूर्व मंत्री की प्रतिमा लगवाए जाने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
बता दें कि 12 जनपथ में मौजूद बंगले के मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक सामने लगी इस प्रतिमा की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। कुछ ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मूर्ति लगाने के बाद परिवार बंगले को पासवान का मेमोरियल तो नहीं बनाना चाहते हैं।
वहीं सूत्रों का कहना है कि पासवान परिवार चाहता था कि 8 अक्टूबर को रामविलास पासवान की पहली पुण्य तिथि तक इस बंगले को अपने पास रखा जाए। लेकिन अब बंगला खाली करने की चर्चा के बीच रामविलास पासवान की प्रतिमा स्थापित करना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।
चाचा पशुपति कुमार पारस को आवंटित हुआ था 12 जनपथ का सरकारी आवास
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को पहले 12 जनपथ का सरकारी आवास आवंटित हुआ था, लेकिन उन्होंने ये बंगला लेने से ये कहते हुए इंकार कर दिया था कि इससे गलत सियासी संदेश जाएगा। जिसके बाद खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस को 7 तुगलक रोड पर आवास दिया गया।
बता दें कि राम विलास पासवान 31 साल से 12 जनपथ के इस बंगले में रह रहे थे।शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के अधीन संपदा निदेशालय ने 14 जुलाई को चिराग पासवान को इस बंगले को खाली करने का नोटिस भेजा था। इसके बाद चिराग ने बंगला खाली करने के लिए मोहलत मांगी थी।