नई दिल्ली : राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाले इकाईयों पर सख्ती की जाएगी। शुक्रवार को राजनिवास में वायु प्रदूषण को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने वायु प्रदुषण, कूड़ा प्रबंधन और गैर अनुमोदित क्षेत्रों (नरेला, बवाना, मुंडका और उनके आसपास के क्षेत्रों) में उद्योगों को बंद करने की समीक्षा की। बैठक के दौरान अधिकारियों ने अनिल बैजल को बताया कि 24 अक्टूबर से अबतक 10779 मीट्रिक टन कचरा उत्तरी और दक्षिणी नगर निगम द्वारा मुडका और उसके आसपास के क्षेत्रों से हटाया गया है।
इस दौरान 1014 बीघा क्षेत्र को खाली किया गया है। वहीं नरेला और बवाना क्षेत्रों से 41580 मीट्रिक टन कचरे को उठाया गया है। डीपीसीसी ने इन क्षेत्रों में 230 कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, और 1.825 करोड़ का जुर्माना लगाया है। इसी के अन्तर्गत डीपीसीसी ने 82.50 लाख रुपये वसूले हैं। इन क्षेत्रों में डीएआइआइडीसी ने 3817 युनिट का निरीक्षण किया है और 867 डिफालटरों को नोटिस जारी किए हैं।दिल्ली में जल्द 30 हजार उद़योग को बंद किया जाएगा। आवासीय और गैर अनुरूप क्षेत्रों में काम करने वाले 21960 बिना इजाजत वाले उद्योगों को नगर निगमों ने पहले चरण में बन्द कर दिया है।
दूसरे चरण में आवासीय और गैर अनुरूप क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित 30 हजार उद्योगों को बन्द किया जाएगा। वहीं 1467 उद्योगों में से 1297 उद्योगों को पीएनजी में बदल दिया गया है और 170 उद्योगों को ऐसा न करने पर बन्द कर दिया गया है। जबकि पर्यावरण मार्शलों ने अब तक कुल 15556 पर्यावरण संबंधी उल्लंघन के मामलों को पाया है, इनमें उन्होंने 14310 मामलों का निपटान साइट पर ही किया है।