नई दिल्ली : देश भर के विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में फीस वृद्धि, शिक्षा के निजीकरण और विद्यार्थियों से जुड़ी तमाम समस्याओं के खिलाफ करीब 18 राज्यों के विभिन्न विवि से आए विद्यार्थियों ने मंगलवार को मंडी हाउस से संसद मार्ग तक ‘छात्र अधिकार रैली’ निकाली। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के बैनर तले हजारों की संख्या में मौजूद विद्यार्थियों ने इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
साथ ही प्रदर्शनकारियों ने संसद मार्ग पर चाय, ब्रेड-पकौड़ा, पापड़, रिक्शा चलाकर अपना विरोध-प्रदर्शन किया। ज्ञात हो कि प्रदर्शन में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), उत्तर प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के सहित देश के अलग-अलग हिस्से से आए विद्यार्थी रैली में शामिल हुए।
वहीं सुरक्षा के मद्देनजर पहले से तैनात भारी संख्या में दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज भी किया है। जिसमें एनएसयूआई को राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, राष्ट्रीय सचिव निखिल कांबले सहित करीब 20-25 छात्रों को चोटें आई हैं।
घायल छात्रों को आरएमएल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वहीं दूसरी तरफ एनएसयूआई के सैकड़ों छात्रों को पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना, मंदिर मार्ग समेत अलग-अलग थानों में ले जाया गया, हालांकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया।
ट्रैफिक रहा जाम…
वहीं प्रदर्शन के दौरान सेंट्रल दिल्ली के कई रास्तों पर मंगलवार दोपहर ट्रैफिक रेंगती हुई नजर आई। छात्रों ने रैली के दौरान विरोध स्वरूप कई जगहों पर सड़कों पर बैठ गए। वहीं प्रदर्शन के दौरान छात्र केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इस प्रदर्शन में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेता भी शामिल रहे। वहीं आईसीसी के सचिव और गुजरात के प्रभारी राजीव सातव अपने संबोधन में गुजरात में सरकारी भर्ती में अनियमितताओं व पेपर लीक के मुद्दे को उठाते हुए सरकार को घेरा।
क्या कहना है एनएसयूआई अध्यक्ष का…
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार अदानी एवं अंबानी की सरकार है, जिसे आम छात्रों की तकलीफों से कोई मतलब नहीं है। एक तरफ यह सरकार जहां जेएनयू सहित देश भर के विश्वविद्यालयों में रियायत हटा कर फीस बढ़ोतरी कर रही है वहीं दूसरी ओर जिओ यूनिवर्सिटी जिसका अभी तक नींव भी नहीं रखा गया है, उसके लिए हजार करोड़ रुपये का रियायत दिया गया है।
वहीं दिपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज छात्र कर्जों के बोझ से डूबता जा रहा है। सरकार आंख मूंद कर बैठी हुई है। छात्रों की ऋण राशि 30 हजार करोड़ से बढ़कर 75 हजार करोड़ हो गई है। बेरोजगारी अपने चरम पर है, इसीलिए आज इस रैली में एमफिल और पीएचडी किए छात्र चाय एवं पकौड़े बेचकर सरकार के खिलाफ अनोखे तरीके से अपना विरोध जताया है।
वहीं एनएसयूआई दिल्ली के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने बताया कि अगर पुलिस को निहत्थे विद्यार्थियों पर लाठी चार्ज ही करनी थी तो प्रदर्शन करने की इजाजत ही क्यों दी। यह गलत है। घटना में कई छात्रों को गंभीर चोटें आईं हैं।