नई दिल्ली : आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा नहीं करने और खरीददारों को फ्लैट नहीं देने पर आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के 3 डायरेक्टरों को पुलिस हिरासत में लेने का निर्देश दिया है। इनमें अनिल कुमार शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार शामिल हैं। अदालत ने कहा कि जब तक ये ऑडिट रिपोर्ट नहीं जमा करते तब तक उन्हें हिरासत में रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह को जमकर फटकार लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने डेवलपर को कहा कि वह लुकाछिपी का खेल बंद करे। सुप्रीम कोर्ट ने डेवलपर की तरफ से पैरवी कर रहे वकील को कहा कि अभी तक फॉरेंसिक ऑडिट से जुड़ी रिपोर्ट ऑडिटर्स को क्यों नहीं सौंपी गई है। आम्रपाली समूह के प्रोजेक्ट का काम पूरा ना होने और आदेश ना मानने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस अरुण मिश्र और जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमारे साथ लुकाछिपी का खेल ना खेलें। यह अदालत की गरिमा के खिलाफ है।
आम्रपाली ग्रुप के पांच हजार फ्लैट किये जब्त
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली समूह की बिना बिकी संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं। इनमें 5,000 फ्लैट, जमीन और एफएआर शामिल हैं। दोनों विकास प्राधिकरणों ने सुप्रीम कोर्ट और एनबीसीसी को यह जानकारी दे दी है। नोएडा के विशेष कार्याधिकारी (ग्रुप हाउसिंग) संतोष सिंह ने बताया कि शहर के सेक्टर-76 में आम्रपाली सिलिकॉन सिटी प्रोजेक्ट में 10 एकड़ जमीन पर कंपनी द्वारा न तो निर्माण किया गया है और न ही किसी को बेची है। इस परियोजना में 2.75 के आधार पर एफएआर अनुमन्य है। एफएआर का भी 30% हिस्सा अभी बाकी है। प्राधिकरण ने यह जमीन जब्त कर लिया है।