दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को कहा कि निर्भया गैंगरेप मामले के गुनहगारों के लिए फांसी की सजा भी कम है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में मौत की सजा पाये चार मुजरिमों में से दो की सुधारात्मक खारिज कर दी।
मालीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ऐसे जघन्य अपराध को अंजाम देते हुए इन दरिंदों को जरा भी दया नहीं आई, अब जब फांसी की सजा सुनाई गई तो इन्हें मौत का खौफ सताने लगा है। उन्होंने लिखा, ऐसे हैवानों के लिए तो फांसी भी कम सजा लगती है। इनको फांसी मिलने से देश के हर बलात्कारी मानसिकता के व्यक्ति को संदेश मिलेगा।’’
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गैंगरेप और हत्या मामले में मौत की सजा पाये चार मुजरिमों में से दो की सुधारात्मक खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने दोषी विनय शर्मा और मुकेश कुमार की सुधारात्मक याचिकाओं पर चैंबर में विचार के बाद उन्हें खारिज कर दिया। सुधारात्मक याचिका किसी व्यक्ति को उपलब्ध अंतिम कानूनी विकल्प है।