दिल्ली में एक हजार को हुआ स्वाइन फ्लू, 18 से अधिक मौत - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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दिल्ली में एक हजार को हुआ स्वाइन फ्लू, 18 से अधिक मौत

राजधानी में स्वाइन फ्लू का प्रकोप लगतार बढ़ रहा है। अब तक सरकारी व निजी अस्पतालों में एक हजार से अधिक मरीजों में स्वाइन फ्लू के सकरात्मक लक्षण पाए गए हैं।

नई दिल्ली : राजधानी में स्वाइन फ्लू का प्रकोप लगतार बढ़ रहा है। अब तक सरकारी व निजी अस्पतालों में एक हजार से अधिक मरीजों में स्वाइन फ्लू के सकरात्मक लक्षण पाए गए हैं। वहीं सफदरजंग, एम्स और आरएमएल अस्पताल में 15 मरीजों मौत की सूचना है। इसके अलावा दिल्ली के अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों में भी स्वाइन फ्लू से मरीजों की मौत की जानकारी मिल रही है। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को 40 से अधिक मरीज स्वाइन फ्लू के लक्षण के साथ आरएमएल सहित अन्य अस्पताल में भर्ती हुए।

 इस संबंध में दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक एक भी दिल्ली निवासी की मौत इस बीमारी से नहीं हुई है। हालांकि केंद्र के अस्पतालों व निजी अस्पतालों में हुई मरीजों की मौतों से विभाग ने इंकार नहीं किया है। वहीं राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एमएस डॉ. वी के तिवारी ने बताया कि यह मौसमी बीमारी है और आने वाले कुछ दिनों तक इससे राहत की उम्मीद नहीं।

स्वाइन फ्लू में आयुर्वेद कारगर…
राजधानी में तेजी से फैल रहे स्वाइन फ्लू में आयुर्वेदिक चिकित्सा कारगर साबित हो सकती है। इससे न केवल उपचार होता है बल्कि प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। इस संबंध में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पंचकर्मा अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आर. पी. पाराशर ने बताया कि जिस व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर्याप्त हो वह वायरस या बैक्टीरिया के आक्रमण के बावजूद आसानी से बीमार नहीं होता।

यदि वह बीमार भी होता है तो वह जल्द ही ठीक हो जाता है। स्वाइन फ्लू के लक्षणों को आयुर्वेद की प्राचीन संहिताओं में वर्णित वात श्लेष्मिक ज्वर के लक्षणों के समान मानते हुए उसी के अनुरूप चिकित्सा करते हैं। आयुर्वेद मतानुसार यह रोग वात और कफ के प्रकोप के कारण होता है।

हल्दी-नमक के गुनगुने पानी से करें गरारे
डॉ. पाराशर ने कहा कि स्वाइन फ्लू से बचाव और उपचार के लिए हल्दी और नमक को पानी में उबालकर गुनगुने पानी से गरारे करने चाहिए। स्वाइन फ्लू के दौरान गर्म पानी से हाथ-पैर धोएं और अधिक से अधिक सफाई रखें। स्वाइन फ्लू में नीलगिरी या कपूर और इलायची तेल की एक-दो बूंदें रूमाल पर डालकर नाक से सूंघना चाहिए। स्वाइन फ्लू से बचाव और उपचार के लिए अदरक, तुलसी, हल्दी, गिलोय को पीस कर शहद के साथ चाटना चाहिए।

यह है लक्षण…
जुकाम, शरीर में भारीपन, सर्दी, जुकाम, छींके, गले में खराश, गले में दर्द, नाक बहना, खांसी, बुखार, आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत, जोड़ों में पीड़ा होना शामिल हैं।

इनका करें सेवन…
प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सर्दी में तुलसी, अदरक, लौंग, काली मिर्च व छोटी पिप्पल के काढ़े या चाय का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। इसके अलावा खजूर, किशमिश व बादाम विशेष रूप से प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और इन्हें काली मिर्च, सौंठ व छोटी पिप्पल के साथ दूध में उबालकर पीना चाहिए।

मरीजों के लिए नहीं आइसोलेशन वाॅर्ड
पश्चिमी दिल्ली के अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए अभी तक अलग से आइसोलेशन वाॅर्ड नहीं बनाए गए हंै। स्वाइन फ्लू के मरीजों को सामान्य मरीजों के साथ ही भर्ती किया जा रहा है। ऐसे में अन्य मरीजों पर इसका दुष्प्रभाव क्या होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। संजय गांधी अस्पताल, अंबेडकर अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, बाबू जगजीवन और ईएसआई अस्पताल में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए अलग से वाॅर्ड नहीं बनाए गए हैं।

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