नई दिल्ली : डीयू के शिक्षकों ने लगातार तीसरे दिन सोमवार शाम करीब पांच बजे नॉर्थ कैंपस स्थित आर्ट्स फैकल्टी के गेट संख्या चार पर सैंकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर 200 पॉइंट रोस्टर और तदर्थ शिक्षकों की समायोजन की मांग को लेकर नारेबाजी की। इस दौरान डूटा अध्यक्ष राजीव रे, उपाध्यक्ष सुधांशु कुमार, डूटा के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा, कार्यकारी परिषद के सदस्य राजेश झा, डॉ. अजय भागी और अकादमिक परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन सहित कई शिक्षकों ने अपनी-अपनी बातें रखी।
इसके बाद शिक्षकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर यहां से हाथों में कैंडल लेकर क्रांति चौक, रामजस कॉलेज, दौलत राम कॉलेज, श्रीराम कॉलेज, पटेल चौक, जय जवान से होते हुए डीयू के वाइस चांसलर के आवास तक पैदल मार्च किया। देर शाम शिक्षकों ने वीसी आवास के पास पहुंचकर केंद्र सरकार से 200 पॉइंट रोस्टर के लिए संसद में बिल लाने की मांग के साथ समाप्त किया। प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर लंबा जाम लगा रहा।
सुधांशु कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादा किया था कि अगर कोर्ट में 200 पॉइंट रोस्टर को हरी झंडी नहीं मिलती है तो हम इसपर बिल लाकर पास करेंगे। हमारी मांग है कि सरकार अपनी वादा को पूरा करें। वहीं डूटा के सह-सचिव आलोक पांडेय का कहना है कि सरकार आरक्षण को समाप्त करने की पूरी कोशिश में जुटी है। आज डीयू में 60 प्रतिशत शिक्षक एडहॉक हैं। अब ये शिक्षकों को ठेके में रखने की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण का बिल लेकर आई है।
आइसा ने किया एमएचआरडी में प्रदर्शन
विभागवार रोस्टर, तदर्थ शिक्षकों का समायोजन और केंद्र सरकार की आरक्षण की नीति के खिलाफ एमएचआरडी के बाहर अखिल भारतीय छात्र संघ के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को प्रदर्शन किया।
इस दौरान शिक्षक भी मौजूद रहे। छात्रों ने केंद्र की आरक्षण विरोधी कदम के खिलाफ खूब नारेबाजी की। आईसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे ने कहा कि सरकार तत्काल प्रभाव से अध्यादेश लाकर 200 पॉइंट रोस्टर को बहाल करें।