दिल्ली की एक अदालत ने आप विधायक सोमनाथ भारती को एम्स के सुरक्षा कर्मियों पर हमला करने के मामले में सुनाई गई दो साल कारावास की सजा को मंगलवार को बरकरार रखा, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
एक मजिस्ट्रेट अदालत ने जनवरी में उन्हें दो साल कारावास की सजा सुनाई थी।
विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने भारती की अपील आंशिक रूप से खारिज कर दी और उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा) करने (धारा 149 (अवैध रूप से जमा होने) के साथ पढ़ा जाए) और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति रोकथाम अधिनियम की धारा तीन के तहत दोषी ठहराया।
बहरहाल, अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 353 (लोकसेवक को ड्यूटी करने से रोकने के लिए हमला करना) (धारा 149 के तहत पढ़ा जाए) के तहत दोषसिद्धि को खारिज कर दिया।
अभियोजन के मुताबिक, नौ सितंबर 2016 को भारती ने लगभग 300 अन्य लोगों के साथ मिलकर एक जेसीबी मशीन की मदद से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की एक दीवार को तोड़ दिया था।
भारती ने कहा था कि एम्स को गौतम नगर और रिंग रोड के बीच नाले को ढकने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह सार्वजनिक सम्पत्ति है। जांच में पता चला कि यह नाला ढकने और मरम्मत करने के लिए एम्स को पट्टे पर दिया गया था।
सत्र अदालत ने अपने आदेश में कहा कि घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के बयान बताते हैं कि एम्स की दीवार के निकट भारती 200 से 300 लोगों के साथ मौजूद थे और वे जीसीबी मशीन की मदद से दीवार और बाड़ तोड़ने की कोशिश कर रहे थे।
उसने कहा कि जब कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने इसका विरोध किया, तो उन्हें अपशब्द कहे गए और भीड़ के पथराव के कारण वे घायल हो गए।
जनवरी में, भारती को मामले में दोषी ठहराए जाने और जेल की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर करने के लिए जमानत दे गई थी।
यह मामला एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आर एस रावत की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था।