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कांग्रेस नेता को किसानों ने दिखाया वापसी का रास्ता, कहा- हमारा आंदोलन और मंच है गैर-राजनीतिक

तीन कृषि कानूनों के विरोध में भारत-बंद के समर्थन में दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को किसानों ने वापसी का रास्ता दिखाया। दरअसल अध्यक्ष अनिल चौधरी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ सोमवार को भारत-बंद के दौरान सुबह करीब 11 बजे गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे, लेकिन प्रदर्शन में शामिल किसानों ने उन्हें वापस लौटा दिया।

हालांकि अनिल चौधरी ने इस दौरान धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से भी मुलाकात की। इस पूरे मामले पर भारतीय किसान यूनियन और धरने पर बैठे किसानों का पक्ष रखते हुए प्रवीण मलिक ने कहा, हमने उनसे कहा कि हम समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं लेकिन हमारा आंदोलन और मंच गैर-राजनीतिक है। जिसका पालन हम पिछले एक साल से कर रहे हैं क्योंकि हमने पहले ही घोषणा कर दी थी। इसलिए हमने अनिल चौधरी और कांग्रेस नेताओं से अनुरोध किया कि वे हमारी साइट से थोड़ी दूर पर विरोध करें।

वहीं दूसरी ओर अनिल चौधरी ने कहा, मैं उनकी स्थिति समझ सकता हूं। यह किसानों का मसला है, किसान पिछले एक साल से सड़कों पर डटे हैं कांग्रेस भी सड़कों पर उतरेगी। अगर किसान हमें यहां से जाने को कहेंगे तो हम वापस चले जाएंगे। हम यहां किसानों के लिए आए हैं, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि कानूनों को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी मिलने की पहली वर्षगांठ के अवसर पर इस भारत बंद का आह्वान किया है। 40 से ज्यादा किसान संगठन इस बंद में शामिल हैं। किसान संगठनों के अनुसार वें सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक चक्का-जाम रखेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे।

वहीं दूसरी ओर किसान संगठनों के इस भारत बंद को कांग्रेस, आरजेडी, बसपा, सपा आंध्रप्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों सहित देश के लगभग सभी विपक्षी दल समर्थन कर रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस ने प्रदर्शन के मद्देनजर गाजीपुर बॉर्डर पर वाहनों के आने-जाने पर रोक लगा दी है, क्योंकि किसानों की ओर से गाजीपुर बॉर्डर पर एनएच-9 और एनएच- 24 जाम किया गया है।

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