रांची : पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान झारखण्ड सरकार के अविवेकपूर्ण एवं जनविरोधी निर्णयों से राज्य भर में गुस्से का माहौल है। जहां एक तरफ यह सरकार स्कूलों को विलय के नाम पर बंद करने का काम किया है तो दूसरी तरफ शराब की बिक्री में इन्होंने काफी दिलचस्पी दिखाई है। यहां के मासूम आदिवासी-मूलवासी की ज़मीनों को लूटने-लूटाने के लिए सरकार ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाये हैं। कितनी विफलता, गिनवाये जाए घोटाले की श्रृंखला बनाने वाली इस सरकार ने हर योजना में कई दफा खजाने लूटकर भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को पार किया हैए कानून व्यवस्था ध्वस्त है और महिलाओंए व्यपारियों और आम नागरिकों पर आए दिन जुर्म बढ़ते ही जा रहे हैं। राज्य की जनता भूख से बिलबिलाते हुए काल के मुख में समाती जा रही।
श्री सोरेन ने कहा कि अत: मौजूदा सरकार के आतंक के प्रति राज्य की जनता को आगाह एवं जागरूक करने के उदेश्य से झामुमो ने पिछले माह 26 तारीख से झारखंड में संघर्ष यात्रा का शुरुआत जमशेदपुर स्वण् निर्मल महतो शहीदस्थल पर श्रद्धांजलि एवं भावांजलि अर्पण कर किया था। जिसमे लोगों का अथाह प्यार मिला और आप सभी पत्रकार बंधुओं ने सकारात्मक भूमिका अदा की थी।
इस संघर्ष यात्रा के श्रृंखला की अगली कड़ी का आगाज भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली ग्राम उलिहातू में मानकी मुंडाओं द्वारा पूजा-अर्चना एवं बिरसा भगवान के परपोती की बेटी को सम्मानित कर हुई। उलिहातू से अंग्रेज़ी शासन के दौरान शुरू हुए उलगुलान जैसा गुस्सा आज भी लोगों के चेहरे पर इस दमनकारी सरकार के खिलाफ देखने को मिल रहा था। उलिहातू में संबोधन के तत्पश्चात बिरसा मुंडा काम्प्लेक्स होते हुए कारवां सरदार गया मुंडा चौक पहुंचा जहाँ उनकी प्रतीमा को माल्यार्पण कर नुक्कड़ सभा को संबोधित किया।
आगे सायको चौक में अब्राहम मुंडा की प्रतीमा को माल्यार्पण किया गया। खूंटी में भगत सिंह चौक में स्थित प्रतीमा को माल्यार्पण कर नुककड़ सभा में हज़ारों की संख्या पहुंची जनता को हेमंत जी ने संबोधित किया। इसके उपरान्त पूरा कारवा तोरपा प्रखंड मैदान पंहुचा। यहां इंतजार कर रही विशाल जन समहू को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन जी ने कहा कि चाहे बिरसा मुंडा हों, चाहे जतरा टाना भगत हो चाहे कोई भी माटी पुत्र हो वह सभी ने यहां के जल जंगल ज़मीन के खातिर अपनी जान न्योछावर किये हैं। और यह साकार यहां के ज़मीन को लूटाने का काम कर रही है। ऐसे क़ानून बना दिए कि अब हम न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते। इस सरकार ने विज्ञापन पर आम गरीबों का पैसा पानी की तरह बहा कर गरीबों को स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर बीमा योजना का झुनझुना दिया है। रोजगार और स्वरोजगार को लेकर सरकार द्वारा बोले जा रहे नौकरियों के झूठ को भी उन्होंने जनता को बताया।
महिला संबंधित मुद्दों को उठाते हुए हेमंत जी ने उनकी सुरक्षाए आबादी के अनुसार भागीदारी तथा आने वाले दिनों में झारखंड निर्माण में उनकी एक सशक्त भूमिका की चर्चा करते हुए सरकार बनने पर सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत का आरक्षण देने का वादा किया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि महिलाओं का सशकितकरण वे 5.10 हज़ार रुपये दे देने को नही मांगते इसलिए मुख्यमंत्री के उनके छोटे कार्यकाल में 50 प्रतिशत आरक्षण देने की मुहिम छेड़ दी थी। जिसे इस सरकार ने आते ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। आज उनका संबोधन महिलाए युवक और झतखंडी अस्मिता के आसपास घूमता रहा और रोजगार उपलब्ध करवाने की उनके वादे एक जिद के समान लग रही थी।
स्वयं सहायता समूह की भूमिका भी तय करने की बात की। उन्होंने कहा कि संगठित दीदी.बहन संगठित व्यापार की ओर बढ़ेंगी। उनका अपना कार्यालय होगा, निर्णय लेने के लिके उनके पास अपने फण्ड होंगेए और अपने उत्पाद को बेचने के लिए सुलभ बाज़ार होगा। लकगभग 500 स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष एवं सचिवों से भी सीधा संवाद स्थापित किया।
बहरहालए यहां भी भरे अनुपात में लोगों ने झामुमो की सदस्यता ली और अगली सरकार झामुमो कि बनाने का शपत लिया। तोरपा में भाषण के पश्चात हेमंत जी ने खूंटी सर्किट हाउस में पारा शिक्षक, रसोइया संघ, आदि से मिलकर उनकी समस्याओं को जाना।