राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ रोजगार तलाशने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि इसका इस्तेमाल समाज को योगदान देने में चाहिए। कोविंद ने कहा शिक्षा का प्रायोजन यह सीखने पर होना चाहिए कि इसका इस्तेमाल समाज के लिए और जरूरतमंदों के लिए किस प्रकार से किया जाए। उन्होंने कहा, विद्या दानम का उद्देश्य युवाओं को देश को सशक्त बनाने के लायक तैयार करना होना चाहिए। राष्ट्रपति ने सभी के लिए शिक्षा की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि वह हमेशा शिक्षा की वजह और छात्रों, जो कि देश का भविष्य हैं के हिमायती रहें हैं।
राष्ट्रपति यहां के निकट बिदादी में अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट साइंस एंड पॉलिटेक्निक (एआईईएमएस) के विस्तारित परिसर के उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे। एआईईएमएस बसावेश्वर वीराशाव विद्यावर्धक (बीवीवी) संघ का एक संस्थान है। कोविंद ने बीवीवी संघ की सराहना करते हुए कहा इसका पुराना इतिहास है जो कि 20 सदी से जुड़ है। उन्होंने कहा कि यहां 50 हजार छात्र अध्ययन करते हैं जिनमें से 50 फीदसी लड़कियां हैं। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि बालिकाओं को शिक्षित और सशक्त करना देश के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार ने उथरी कर्नाटक में शिक्षा में बदलाव में योगदान के लिए बीवीवी संघ की सराहना की।
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