कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले तीन महीनो से जारी है। केंद्र सरकार इस पर विचार और संशोधन करने के लिए तैयार है लेकिन किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है, उनकी लगातार यही कोशिश है कि कानूनों को रद्द किया जाए। इसी बीच, कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए हज़ारो किसान अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हुए।
वहीं दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान अभी भी जमे हुए हैं। हालांकि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की संख्या कम हो रही थी लेकिन अब किसानों की संख्या बढ़ने लगी है। जिसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा का कड़ा इंतजाम कर रखा है। इसी के चलते विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गर्मियों के लिए भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम पिछले 3 महीनों से सिंघु बॉर्डर पर संघर्ष कर रहे हैं और यह लंबा चलेगा। यहां गर्मी के हिसाब से टेंट बनाया गया है, फ्रिज और पंखे भी लगाए गए है। किसानों के नेता नरेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हुए। सभी के संघर्ष को सलाम। जो दिल्ली नहीं आ सकते वह कम से कम सोशल मीडिया पर तो हम किसानों का हौसला बढ़ाते रहें।