दिल्ली सरकार के तीन विभाग बेघर बच्चों के लिए एक ‘बोर्डिंग स्कूल’ (आवासीय विद्यालय) खोलने में करीबी समन्वय करेंगे। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक दिन पहले अपने बजट भाषण के दौरान इस बारे में घोषणा की थी। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने ऐसा स्कूल बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। इस प्रकरण की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने बताया कि आने वाले कुछ हफ्तों में इसकी रूपरेखा पर काम शुरू हो जाएगा।
महामारी के बाद बेघर बच्चों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है
उन्होंने बताया, ‘‘इस स्कूल की रूपरेखा पर काम समाजिक कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग के बीच करीबी समन्वय से होगा।’’ जब उनसे इस स्कूल के विचार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि महामारी के बाद बेघर बच्चों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया, ‘‘ यह पाया गया है कि महामारी से पहले की तुलना में महामारी के बाद ट्रैफिक सिग्नल के पास बच्चों की संख्या बढ़ गई है। हमने दिल्ली के बाल अधिकार सरंक्षण आयोग (डीपीसीआर) और जिला प्राधिकारियों के साथ मिलकर प्रायोगिक परियोजना शुरू की, ताकि यह देखा जा सके कि उन्हें क्या आवासीय सुविधा दी जा सकती है और उन्हें कैसे लाभान्वित किया जाए।’’
उन्होंने बताया, ‘‘ हमने पता लगाया कि वे (बच्चे) कैसे वहां पहुंचे और पाया कि हम उनमें से कई को आवास मुहैया कराकर उन्हें भिक्षावृत्ति से रोक सकते हैं।’’ एक अन्य अधिकारी ने बताया कि महिला-बाल विकास विभाग सड़कों पर पाये जाने वाले बच्चों के मुद्दे पर काम कर रहा है और यहां तक उनकी पहचान के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि कई गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और जिला प्राधिकारी भी ऐसे बच्चों की पहचान कर रहे हैं। ऐसे बच्चों से संबंधित आंकड़े जिला प्राधिकारी संकलित कर रहे हैं।