दिल्ली में अब तीन नहीं सिर्फ एक मेयर होगा, क्योंकि मोदी कैबिनेट ने तीन नगर निगमों (Municipal Corporation) को एक करने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। बिल को इसी हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है। संसद में बिल पास होते ही दिल्ली में सिर्फ एक ही मेयर की नियुक्ति की जाएगी।
गौरतलब है कि मार्च में ही एमसीडी चुनावों की तारीख का एलान होना था, लेकिन एलान वाले ही दिन केंद्र ने तीन निगमों को एक करने का फैसला किया, जिसके बाद चुनाव आयोग ने एमसीडी चुनावों के कार्यक्रम को टाल दिया। दिल्ली सरकार ने केंद्र के इस फैसले का खुल के विरोध करते हुए इसे चुनावों को टालने की साजिश करार दिया था।
विलय के बाद बेहतर होंगी सेवाएं
सरकारी सूत्रों ने बताया कि एकीकृत नगर निगम पूरी तरह से सम्पन्न निकाय होगा और इसमें वित्तीय संसाधनों का सम विभाजन होगा जिससे तीन नगर निगमों के कामकाज को लेकर व्यय एवं खर्च की देनदारियां कम होंगी तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नगर निगम की सेवाएं बेहतर होंगी।
इसके तहत 1957 के मूल अधिनियम में भी कुछ और संशोधनों को मंजूरी दी गई है ताकि वृहद पारदर्शिता, बेहतर प्रशासन और दिल्ली के लोगों के लिये प्रभावी सेवाओं को लेकर ठोस आपूर्ति ढांचा सुनिश्चित किया जा सके।
इस संशोधन के माध्यम से वर्तमान तीन नगर निगमों को एक एकीकृत नगर निगम में समाहित किया जायेगा। गौरतलब है कि वर्ष 2011 में पूर्ववर्ती दिल्ली नगर निगम को तीन भागों ...दक्षिण दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में विभाजित किया गया था।