दिल्ली में प्रदूषण की हालत बद से बदतर होती जा रही है। हवा इतनी जहरीली है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। इसको लेकर तमाम दावे और फैसले लिए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई सकारात्मक असर होता नजर नहीं आ रहा है। हर साल दिवाली से पहले सांस लेना भारी हो जाता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को हवा की गुणवत्ता बहुत ही खराब श्रेणी में दर्ज की गई। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 382 दर्ज की गई।
मंगलवार को भी हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में थी और एक्यूआई 372 था।जिसपे कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के कामकाज की निगरानी करें ताकि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लाखों नागरिक पिछले वर्षों की तरह गंभीर AQI के शिकार ना हों ।
प्रदूषण पर लगाम के लिए घोषित आयोग के सदस्यों के नाम तय कर दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बनाए गए आयोग के पदाधिकारियों के नाम जारी किए गए हैं। इसमें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पूर्व सचिव MM कुट्टी को आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भी हर साल केंद्र को बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर फटकार लगाती है। इस बार भी मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है और सुनवाई की जा रही है।
दिल्ली में प्रदूषण हाई, गुलेरिया की चेतावनी
मीड़िया रिपोर्टस के अनुसार गुलेरिया ने कहा है कि प्रदूषण जहां पर ज्यादा रहता है, वहां कोरोना भी ज्यादा घातक साबित हो सकता है। वहीं इस वजह से फेफड़ों में सूजन भी आ सकती है। गुलेरिया ने ये भी जानकारी दी कि प्रदूषण की वजह से कोरोना वायरस लंबे समय तक हवा में रह सकता है। ऐसे में फिर राजधानी में मामले बढ़ते का डर है।
सीपीसीबी ने लोगों को घर से बाहर न निकलने के दिए निर्देश
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शुक्रवार को लोगों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी है। सरकारी और निजी कार्यालयों को राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के चलते वाहनों के उपयोग को कम से कम 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया है। वर्क फ्रॉम होम और वाहनों के इस्तेमाल भी कम करने के निर्देश दिए हैं।
सीपीसीबी ने कहा कि दिन में हुई समीक्षा बैठक में यह देखा गया कि 18 नवंबर तक शांत परिस्थितियों के साथ कम हवाओं के मद्देनजर प्रदूषकों के फैलाव के लिए रात में मौसम संबंधी स्थितियां अत्यधिक प्रतिकूल होंगी।