माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने माना है कि उसने भारत सरकार की ओर से बनाए गए नए आईटी रूल्स का पालन नहीं किया है। ट्विटर के इस कबूलनामे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अब केंद्र सरकार पर ट्विटर पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है और अब कंपनी को सुरक्षा नहीं दी जा सकती।
इसके अलावा हाईकोर्ट ने ट्विटर को 8 जुलाई तक यह बताने का निर्देश दिया कि नए IT रूल्स के अनुपालन में वह स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (local grievance redressal officer) की नियुक्ति कब करेगा। इसपर ट्विटर ने हाई कोर्ट को बताया था कि उसके द्वारा रेड्रेसल अफसर की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।
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हालांकि न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि हाईकोर्ट को यह सूचित नहीं किया गया था कि स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (आरजीओ) की इससे पहले नियुक्ति केवल अंतरिम आधार पर थी जिनकी ओर से पहले ही इस्तीफा दिया जा चुका है।
न्यायमूर्ति रेखा पाली ने ट्विटर के प्रतिनिधियों से सवाल किया कि आपको इस प्रक्रिया में कितना और समय लगेगा। न्यायमूर्ति रेखा पाली ने कहा कि अगर ट्विटर को ये लगता है कि वो हमारे देश में जितना समय चाहे, उतना ले सकता है तो मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगी।