DU के सिलेबस में जोड़ा गया वीडी सावरकर का चैप्टर, विरोध हुआ शुरु - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

DU के सिलेबस में जोड़ा गया वीडी सावरकर का चैप्टर, विरोध हुआ शुरु

दिल्ली यूनिवर्सिटी में इन दिनों मोहम्मद इकबालऔर सावरकर को लेकर खुब बवाल हो रहा है। क्योंकी बीते दिनों डीयू ने अपने राजनीति विज्ञान के सिलेबस से ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’ लिखने वाले मोहम्मद इकबाल के अध्याय को हटा दिया है। इसके बाद डीयू ने वीडी सावरकर के अध्याय को जोड़ दिया है। जिसका खुब विरोध हो रहा है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी  में इन दिनों  मोहम्मद इकबालऔर सावरकर को लेकर खुब बवाल हो रहा है। क्योंकी बीते दिनों डीयू ने अपने राजनीति विज्ञान के सिलेबस से ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’ लिखने वाले  मोहम्मद इकबाल के अध्याय को हटा दिया है। इसके बाद डीयू ने  वीडी सावरकर के अध्याय को जोड़ दिया है। जिसका खुब विरोध हो रहा है।
मोहम्मद इकबाल को जान बूझकर हटाया गया
डीयू के नार्थ कैंपस में छात्र संगठन सावरकर के विरोध में उतरे है उनका कहना है कि मोहम्मद इकबाल के नाम को जानबूझकर हटाया गया और अब अंग्रेजों से माफी मांगने वाले सावरकर का  चैप्टर  जोड़ दिया गया।
सावरकर के पोते ने जाहिर की खुशी
 एक तरफ विरोध हो रहा है तो दूसरी तरफ सावरकर के पोते रंजीत सावरकर  ने मोहम्मद इकबाल परअध्याय हटाने और राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में सावरकर पर अध्याय जोड़ने पर खुशी जाहिर की है।
सावरकर राजनीतिक विचारक भी थे
उनका कहना है कि यह बहुत ही अच्छी खबर है क्योंकि वीर सावरकर केवल क्रांतिकारी, देशभक्त, समाजिक मुखबिर, प्रवक्ता या एक लेखक ही नहीं थे बल्कि वह एक राजनीतिक विचारक भी थे।  उन्होंने कहा कि वह भूतकाल को समझते हुए वर्तमान का आकलन करते थे और भविष्य को लेकर चेतावनी देते थे। दुर्भायवश हमारे देश ने भविष्य को लेकर दी गईं उनकी चेतावनियों जैसे बंटवारे की संभावना और कई अन्य चीजें को भुला दिया।
अंतरराष्ट्रीय संबंध सीखने को मिलेगा
राजनीति का आकलन करने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को जानने के इच्छुक छात्रों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर सावरकर विशेष योजना रखते थे, उन्होंने कहा कि सावरकर मानते थे कि अंतरराष्ट्रीय संबंध आपसी जरूरतों को ध्यान में रखकर होने चाहिए। तो इस तरह से वो अपनी खुशी जाहिर कर रहे है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

7 − two =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।