नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नगर निगम शिक्षकों को सैलरी न देने के मुद्दे पर शुक्रवार को पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हम यहां रोज रोज आपकी तनख्वा का मुद्दा सुलझाने के लिए नहीं बैठे हैं। अगर स्कूल नहीं चलाये जा रहे तो उन्हें दिल्ली सरकार को दे दो। इसके साथ ही हाईकोर्ट की कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल और न्यायमूर्ति हरिशंकर की बेंच ने पूर्वी और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को शिक्षकों के बकाया वेतन एक सप्ताह में और बकाया एरियर्स को एक महीने के भीतर जारी करने के निर्देश किए।
अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने शिक्षकों की सैलरी का मुद्दा हाईकोर्ट के सामने उठाया, जिसपर पीठ ने कहा कि हम यहां रोज-रोज नगर निगम के वेतन के मुद्दों को सुलझाने के लिए नहीं बैठे। पीठ ने कहा कि अगर दोनों निगम शिक्षकों को वेतन नहीं दे सकते तो दिल्ली सरकार को शिक्षा का कार्यभार सौंप दें। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और दिल्ली के तीनों नगर निगम को 6 हफ्तों में एक कन्क्रीट सॉल्यूशन तैयार कर कोर्ट को बताने के लिए कहा है।
हाईकोर्ट ने बेहद शख्त लहजे में दिल्ली के निगम के तीन भागों में बांटने के फैसले पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया और कहा कि क्यों न तीनों निगमों को फिर से एक कर दिया जाए। गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले स्कूलों के शिक्षकों की 3 महीने से सैलरी नहीं मिली है जबकि उत्तरी दिल्ली निगम ने 2 महीने से शिक्षकों को सैलरी नहीं दी है। यही हाल निगम के डॉक्टर्स का भी है। उन्हें भी कई महीने से सैलरी नहीं मिली है। केवल साउथ दिल्ली एमसीडी फायदे में है जबकि पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली नगर निगम की वित्तीय हालत बहुत खस्ता है।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।