राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ने लगे है। पिछले पांच दिनों में हर एक दिन एक हजार से ज्यादा कोरोना के केस दर्ज किए जा चुके हैं। राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 1204 नए कोरोना के मामले दर्ज किए। अब दिल्ली में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 4508 हो गई है।
अब अधिक लोग बीमार नहीं होंगे
वहीं, कोरोना संक्रमण दर की बात करें तो इसमें पहले के मुक़ाबले थोड़ा गिरावट ज़रूर दर्ज़ की गयी है, ये दर 4.64% तक पंहुच गयी है। वहीं पिछले 24 घंटों में दिल्ली में एक कोरोना मरीज की मौत भी हुई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि फ़िलहाल बिल्कुल भी घबराने की ज़रूरत नहीं है, दिल्ली के अंदर पूरी आबादी वैक्सीनेटेड है, ज़्यादातर लोगों को कोराना हो भी चुका है। अब जिनको कोरोना हो रहा है वह लोग ज़्यादा बीमार नहीं हो रहे है।
संकरमण दर सात फीसदी के आसपास-जैन
सत्येंद्र जैन ने कहा कि बीच में संकरमण दर सात फीसदी के आसपास पहुंच गया था, वहीं कल चार फीसदी संक्रमण था. अस्पताल में भी बहुत कम लोग भर्ती है, जो भर्ती भी है वो पहले से है, कोई खतरनाक स्थिति नहीं है। अस्पतालों में भर्ती मरीज़ों के बारे में जानकरी देते हुये सत्येंद्र जैन ने कहा कि पिछली बार भी 10% बेड भी कभी भरे नहीं थे। आज भी कोरोना के डेडिकेटेड बेड लगभग 10 हज़ार हैं, जिनमें सिर्फ़ 100 लोग भर्ती है, मतलब सिर्फ़ 1% बेड भरे है. बेड को लेकर फ़िलहाल कोई दिक़्क़त नहीं है। दिल्ली सरकार पूरी तरह से सतर्क मोड पर है।
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दिल्ली में कब से लगेंगी कोरोना पाबंदियां-
दिल्ली में बढ़ते कोरोना मरीज़ों की संख्या को देखते हुये जब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से ये सवाल पूछा गया कि क्या एक बार फिर दिल्ली में पाबंदियाँ लग सकती है? तो इस पर जवाब देते हुये उन्होंने कहा कि इससे पहले कोरोना का डेल्टा वैरिऐंट जब आया था तब कई सारे पैरामीटर तैयार किये गये थे , लेकिन पिछली बार जो लहर थी वो ज्यादा ख़तरनाक नहीं थी, जिसके बाद उसमें काफ़ी बदलाव किये गये। पांच फीसदी पर जो पाबंदी लगनी चाहिये थी वो दस फीसदी में भी नहीं लगायी गयी, इसलिये ऐसा नहीं लगता कि अभी किसी बड़ी पाबंदी की ज़रूरत है। लेकिन लोगों को मास्क ज़रूर लगाना चाहिय।