पश्चिमी दिल्ली : अनाज मंडी अग्निकांड के दो-दिन बीत चुके है लेकिन अपनों की तालाश में परिजन नम आखों के साथ आज भी अस्पताल से घटनास्थल के चक्कर लगा रहे हैं। उनको समझ ही नहीं आ रहा है कि उनका अपना किस हाल में है। अब वह इस दुनिया में है भी या नहीं लेकिन दिल में बस एक ही फरियाद है और ऊपर वाले से यही दुआ है कि वह जहां भी हो ठीक हो। हालांकि वहां तैनात सिविल डिफेंस के जवान परिजनों की पूरी-पूरी मदद कर रहे हैं।
वहां तैनात सिविल डिफेंस के जवान प्रेम प्रकाश ने बताया कि सुबह से 10 से 15 परिजन आ चुके हैं जिनको हम अस्पताल का पता देकर अस्पताल में भेज रहे हैं। घटनास्थल पर पहुंची मलका ने बताया कि उनका भतीजा सरफराज किस हाल में कहा उनको कुछ पता नहीं चल रहा है। यहां आने पर पता चला कि वहां एलएनजेपी अस्पताल में लेकिन किस हाल में इस बात की कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।
अपने रिश्तेदार ढूंढने पहुंचे मोहम्मद तरवेज का कहना है कि वह दो दिन से अपनों को ढूंढ रहे हैं उनको पता चला कि रमजान और परवेज दोनों की आग में फंसने की जानकारी मिली थी। उन्होंने बताया की दोनों अनाज मंडी इलाके में कपड़े की एक फैक्ट्री में काम करते थे। वह घटना वाले दिन में अनाज मंडी पहुंचा लेकिन पुलिस प्रतिबंध और बचाव कार्य जारी होने के कारण अपने रिश्तेदारों को नहीं ढूंढ पाए।
हुसैन ने बताया कि उनके रिश्ते के भाई जियों थैले बनाने की फैक्ट्री में काम करते थे वह भी इस हादसे का शिकार हो गए। बिहार के मधुबनी में रहने वाले जियों का दो दिन से कोई पता नहीं चल पा रहा है जिसकी वजह से उनके परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल है। उनका कहना है कि वह जहां भी हो सुरक्षित हो।
हादसे के बाद सोमवार को बंद रहीं फैक्ट्रियां
फिल्मिस्तान अग्निकांड के बाद सोमवार को भी अनाज मंडी इलाके में फैक्ट्रियां और दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। दबंग फैक्ट्री मालिक मजदूरों को मीडिया से बातचीत भी नहीं करने दीं। वहीं हादसे के 24 घंटे बाद भी आसपास के लोगों में अफरा-तफरी का माहौल है। सोमवार सुबह से ही लोगों का तांता घटनास्थल पर लगने लगा।
हर कोई इस इमारत को देखना चाहता था। वहीं पुलिस अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में पुलिस को मौके पर तैनात किया था। हादसे के बाद सोमवार को भी जब फैक्ट्रियां बंद रहीं तो इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों ने हंगामा शुरू कर दिया।
एक तो मजदूर फैक्ट्री मालिकों के दबाव से परेशान थे, जो उन्हें मीडिया से दूर रहने और उन्हें मीडिया से बात न करने की नसीहत दे रहे थे। वहीं उन्हें यह तक नहीं बताया था कि अब वह काम पर लौटेंगे भी या नहीं।
बहादुर दमकल कर्मियों को मिलेगा गैलेंट्री अवार्ड
दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने जान पर खेलकर आग में फंसे लोगों की जान बचाने वाले दमकल कर्मियों की जमकर तारीफ की है। गर्ग का कहना है कि आग लगने के बाद परिस्थितियां बेहद कठिन होती हैं। तब दूसरों की जान बचाना बेहद मुश्किल होता है।
फिल्मिस्तान के पास अनाज मंडी पर मौत वाली इमारत में हुए हादसे के बाद दमकल कर्मियों ने अटूट साहस का परिचय देकर लोगों की जान बचाई। दमकल विभाग इन कर्मचारियों को गैलेंट्री अवार्ड दिलवाने की सरकार से सिफारिश करेगा।