दक्षिणी दिल्ली : मानव तस्करी में शामिल रह चुका एक शख्स अपनी ही पत्नी से करवाना चाहता था जिस्मफरोशी का धंधा। लेकिन जब उसके बार-बार कहने के बाद भी पत्नी नहीं मानी तो दुपट्टे से उसका गला घोंटकर पहले तो उसे मौत के घाट उतार दिया। फिर बाद में लाश को कपड़े में लपेटकर बोरी में बंद करके और सुनसान जगह पर फेंक कर फरार हो गया।
हालांकि पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की और कई दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार आरोपी को वेस्ट बंगाल से दबोच लिया। आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए साउथ-वेस्ट जिला पुलिस उपायुक्त देवेन्द्र आर्या ने उसकी पहचान 27 साल के जलिल शेख के तौर पर की है। जांच में पता चला कि आरोपी पहले मानव तस्करी के मामले में भी गिरफ्तार हो चुका था। मृतका समेत उसकी दो पत्नियां थीं। दूसरी वेस्ट बंगाल में रहती थी।
व्हाट्सएप से कातिल तक पहुंची पुलिस…
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि गत 6 अगस्त को वेस्ट सागरपुर के शिवपुरी कलाड स्थित बारातघर के पास एक बोरी में बंद महिला की लाश होने की सूचना मिली थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बोरी में बंद महिला की लाश डीडीयू अस्पताल के शवगृह में पहचान के लिए रखवा दी और मामले में केस दर्जकर छानबीन शुरू की।
एसीपी मनीष जोरवाल की निगरानी और एसएचओ जोगिन्द्र सिंह के नेतृत्व में एसआई रजनीश, अशोक कुमार मीना, हेड कांस्टेबल सतपाल, कांस्टेबल राकेश और संदीप की टीम ने महिला और आरोपी की पहचान के लिए कई जगहों पर पर्चे चस्पा किए और घर-घर जाकर पता लगाया लेकिन कुछ पता नहीं चला।
इसके बाद व्हाट्सएप के माध्यम से महिला की पहचान के लिए मैसेज वायरल किया गया। 17 अगस्त को एक शख्स ने व्हाट्सएप पर मृतका की पहचान कर उसकी बहन से पुलिस को मिलाया। जिन्होंने मृतका की पहचान फातिमा सरदार के तौर पर की, जो वेस्ट बंगाल के साउथ 24 परगना की मूलरूप से रहने वाली थी।
इसके बाद जलिल शेख की तलाश टेक्निकल सर्विलांस के माध्यम से शुरू हुई और पुलिस जब वेस्ट बंगाल स्थित उसके घर पर पहुंची तो वह परिवार समेत फरार पाया गया। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी अपनी बाइक बेचने के लिए कोलकाता के एक रेलवे स्टेशन के पास आने वाला है। जहां ट्रैप लगाकर पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।