नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में परिवहन का भरोसेमंद साधन बन चुकी मेट्रो 2018 में लोगों के यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में कई योजनाएं शुरू करेगी। इनमें डीएमआरसी का नेटवर्क बढ़ने, सुरक्षा की दृष्टि से कई लाइनों पर स्क्रीन डोर लगने, ड्राइवर लेस ट्रेन की शुरुआत एवं कई अन्य सुविधाएं होंगी। नववर्ष में डीएमआरसी कई नई लाइनों पर ट्रेनों का संचालन शुरू करेगा। वहीं डीएमआरसी के तीसरे फेज का काम पूरा होने के साथ ही मेट्रो रेल सिस्टम 350 किमी के साथ दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क हो जाएगा। वर्तमान में डीएमआरसी के 173 स्टेशन काम कर रहे हैं और इसका नेटवर्क 231 किमी का है।
इसमें मजेंटा लाइन पर बोटेनिकल गार्डन से कालकाजी मंदिर तक हाल में शुरू हुआ मेट्रो कॉरिडोर भी शामिल है। जिसके चलते वर्तमान में डीएमआरसी दुनिया का नौंवा सबसे बड़ा मेट्रो सिस्टम बन चुका है। जबकि फेज 3 के पूरा होने के बाद डीएमआरसी 375 किमी से भी बड़ा नेटवर्क होगा। इसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा कॉरिडोर भी शामिल होगा। शंघाई, पेइचिंग और लंदन के बाद यह सबसे बड़ा नेटवर्क होगा। गौरतलब है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो नेटवर्क का ही हिस्सा होगा, जिसमें नोएडा सेक्टर-52 स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा मिलेगी।
वैसे तो इसका निर्माण डीएमआरसी द्वारा हो रहा है लेकिन इस कॉरिडोर का संचालन नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एनएमआरसी) के द्वारा होगा। 2018 के मध्य तक मजेंटा लाइन पर कालकाजी मंदिर से जनकपुरी वेस्ट तक का कॉरिडोर भी खुल जाएगा। इसके पहले हिस्से का उद्घाटन 25 दिसंबर को पीएम मोदी ने किया था। 2018 के मध्य तक मजेंटा लाइन का मजेंटा लाइन का बाकी सेक्शन भी पूरा हो जाएगा। हालांकि इस पर ट्रेनों का संचालन मेट्रो रेल सेफ्टी के कमिश्नर द्वारा हरी झंडी मिलने पर ही निर्भर करेगा। जिसमें मई-जून तक का समय लगेगा।
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– अमित कुमार