राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों का धरना प्रदर्शन अब काफी तूल पकड़ता जा रहा है। आपको बता दें ऐसा इसलिएहो रहा है कि रविवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों किसान और खाप पंचायत के नेता टिकरी बॉर्डर तक पहुंच गए हैं। पहलवानों का प्रदर्शन पिछले 15 दिनों से चल रहा है और जो अब धरना-प्रदर्शन से आगे बढ़ कर एक आंदोलन का रूप ले चुका है।
हरियाणा से लगातार कई किसान समूह यहां पहुंच रहे
आपको बता दें पंजाब के सबसे प्रमुख किसान संगठनों में से एक भारतीय किसान यूनियन उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां के नेतृत्व में 7 मई को पंजाब से बड़ी तादाद में महिलाएं और किसान खिलाड़ियों का साथ देने जंतर मंतर पहुंचने वाले हैं। उगराहां ने ऐलान किया है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में भी जबर्दस्त आंदोलन किया जाएगा। पंजाब से कुछ अन्य किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के भी रविवार को जंतर-मंतर पहुंचने की संभावना है। हरियाणा से लगातार कई किसान समूह यहां पहुंच रहे हैं।
धारा-144 के लागू होने के बोर्ड लगाए गए
तो वहीं, दिल्ली पुलिस भी किसानों के कूच आंदोलन को लेकर अलर्ट मोड़ पर है। पिछली बार, किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली बॉर्डर पर उग्र प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।पुलिस को आशंका है कि आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्व बवाल कर सकते हैं। पुलिस सभी बॉर्डर पर सख्ती से निगरानी रख रही है। प्रतिबंधित जगहों पर पुलिस की तरफ से धारा-144 के लागू होने के बोर्ड भी लगाए गए हैं।
महिला संगठनों, किसान और मजदूर संगठनों का भी भरपूर
दरअसल, बुधवार की रात को दिल्ली पुलिस और पहलवानों के बीच हुई झड़प के बाद किसान संगठनों की तरफ से जिस तरह की कड़ी प्रतिक्रियाएं आई, उसके बाद पहलवानों का यह आंदोलन भी किसान आंदोलन की तरह बड़ा होता नजर आ रहा है। पहलवानों के प्रदर्शन को सोशल मीडिया समेत देश भर से समर्थन मिल रहा है।पहलवानों के इस आंदोलन को विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दलों के अलावा कई प्रमुख छात्र संगठनों, महिला संगठनों, किसान और मजदूर संगठनों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है।