20 वर्ष : गुजरात माडल से आत्मनिर्भर भारत तक - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

20 वर्ष : गुजरात माडल से आत्मनिर्भर भारत तक

सात अक्तूबर 2021 कहने को तो एक तारीख कही जा सकती है, लेकिन भारतीय राजनीति के इतिहास में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इतिहास सिमट गया है।

सात अक्तूबर 2021 कहने को तो एक तारीख कही जा सकती है, लेकिन भारतीय राजनीति के इतिहास में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इतिहास सिमट गया है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता के जरिये जनसेवा करते हुए 20 वर्ष पूरे हुए हैं। 7 अक्तूबर, 2001 को नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री का पद सम्भाला था और फिर 2014 में उन्होंने देश की बागडोर सम्भाली। प्रधानमंत्री मोदी एक ऐसे राजनेता हैं जो लगातार चार बार मुख्यमंत्री रहे और फिलहाल दूसरी बार बतौर प्रधानमंत्री काम कर रहे हैं। उनके 20 वर्ष के शासन को गम्भीरता से परखा जाए तो संवैधानिक जिम्मेदारी का रहा। यह मोदी नीति ही थी कि गुजरात का विकास देश और दुनिया में एक माडल बन गया। एक ऐसा ब्रांड बना जो विकास का, विजन का, मिशन का ब्रांड बन गया। जिसने सात वर्ष पहले नरेन्द्र मोदी को गांधी नगर से दिल्ली तक पहुंचाया। देशवासियों ने उन्हें बहुत सम्मान दिया और वे स्वीकार करते हैं कि उनके शासन काल में भारत में बहुत कुछ बदला है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। उनके शासनकाल की सबसे बड़ी उप​लब्धि यह रही कि नरेन्द्र मोदी सरकार में भ्रष्टाचार का कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया पर ​विपक्ष हाय-तौबा मचा सके। विपक्ष के सभी आरोप बेबुनियाद ही सिद्ध हुए। 
दूसरा बड़ा काम यह हुआ कि देश के लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने का। प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने गरीबों के मन में आर्थिक विकास के प्रति ​​विश्वास जगाने का काम किया। इससे भी बड़ी उप​लब्धि यह रही कि पूरी दुनिया में भारत की सरकार का इकबाल बुलंद हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उनकी नेतृत्व क्षमता निर्विवाद रही। आर्थिक मोर्चे पर भारत की प्रगति प्रतिकूल अन्तर्राष्ट्रीय वित्त माहौल के बावजूद काफी संतोषजनक रहा। अगर कोरोना महामारी का भयंकर प्रकोप नहीं फैलता या प्राकृतिक आपदा नहीं आती तो भारत की अर्थव्यवस्था बहुत आगे पहुंच जाती। सबसे क्रांतिकारी परिवर्तन यह हुआ कि भारत की छवि पूरी दुनिया में किसी भूखे-नंगे देश की बजाय व्यापार कर लाभ कमाने वाले देश की बनी। नरेन्द्र मोदी को विश्व के नेताओं में गिना जाना कोई साधारण बात नहीं है। इसके​ लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है। अपनी विदेश यात्राओं के दौरान उन्होंने भारत के ​छिपे हुए पक्ष को उजागर किया और दुनिया के धनाढ्य देशों को अपनी ओर तेजी से आकर्षित किया। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत इसी का संशोधित संस्करण है। 
भारत के नवनिर्माण को लेकर उनकी अपनी अलग सोच है, अपना विशेष दृष्टिकोण है, अनूठे स्वपन हैं और जनमानस को प्रेरित करने की अपनी खास शैली है। दुनिया के किसी नेता को उसके फैसलों और विजन से जानती है। यही एक बड़े लोकप्रिय नेता की पहचान होती है। प्रधानमंत्री इससेे जाने जाते हैं क्योंकि उनमें तुरन्त निर्णय लेने की क्षमता है।
उन्होंने जितने भी फैसले लिए उनमें राष्ट्रवाद का प्रभाव है। वह उन फैसलों को लेने में कभी नहीं हिचके, जिनके बारे में पूर्व की सरकारें बात करने से भी डरती थीं। उनके नेतृत्व में सत्ता के सफर में उनके साथी रहे गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को एक ही झटके में हटाया। तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई गई। स्वर्ण समुदाय को आर्थिक आधार पर दस फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया गया। भाजपा के एजैंडे में सबसे महत्वपूर्ण अब तो अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का काम तेजी से जारी है।
अध्यात्म से लेकर आधुनिक विज्ञान तक के क्षेत्र में भारत की छिपी हुई ऊर्जा को बाहर लाकर ही हम मेक इन इंडिया का सपना साकार कर सकते हैं। उन्होंने ऐसा ही किया। नागरिक संशोधन कानून लाकर उन्होंने साबित कर दिया कि जो वादे उन्होंने घोषणापत्र में किए हैं, वह उन्हें पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत की सुरक्षा के मुद्दे पर उन्होंने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर और लद्दाख तथा अरुणाचल में चीन का जबर्दस्त प्रतिरोध कर मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब पहले जैसा भारत नहीं है। कोरोना काल में न केवल उन्होंने दिन-रात काम किया और साथ ही देशवासियों का मनोबल बनाए रखा। इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चलाना भी एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। वह देश के हैल्थ सैक्टर को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं।  नए एम्स बनाए जा रहे हैं। भविष्य में आक्सीजन का संकट न हो इसके लिए आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में उनकी जन प्रतिबद्धता, कठोर परिश्रम, बिना कोई छुट्टी लिए कुछ कर गुजरने की प्रबल आकांक्षा, आपदा को अवसर में बदलने की कला, दूरदर्शी विजन और अद्भुत निर्णय क्षमता एक जादुई कला है।
 नरेन्द्र मोदी कर्मशील, ऊर्जावान जनप्रतिबद्ध व्यक्तित्व हैं और वह 135 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं का केन्द्र हैं। आज भारत उनके साथ खड़ा है, इसलिए कि वह जनता के साथ हैं। पूरी योजनाओं का उल्लेख करना सम्भव नहीं है। यह सत्य है कि उनके कड़े फैसले हों या सरकारी योजनाएं प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

13 − eleven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।