आओ बुराइयों को समाप्त कर अष्टमी-नवमी-दशहरा मनाएं - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

आओ बुराइयों को समाप्त कर अष्टमी-नवमी-दशहरा मनाएं

आज दशहरा है बुराई का अंत, हर साल हम धूमधाम से रावण के पुतले को जलाते हैं, परन्तु इस बार हम प्रण लें कि बेटियों की रक्षा और बेटियों के प्रति होने वाली बुराइयों का अंत करें। दिल से बुराइयों को समाप्त करें।

आज दशहरा है बुराई का अंत, हर साल हम धूमधाम से रावण के पुतले को जलाते हैं, परन्तु इस बार हम प्रण लें कि बेटियों की रक्षा और बेटियों के प्रति होने वाली बुराइयों का अंत करें। दिल से बुराइयों को समाप्त करें।
जीवन में शक्ति का अपना ही महत्व है और भारतीय नारी न केवल शक्तिशाली है बल्कि इस शक्ति के पीछे भी एक भक्ति है। नारी को इसीलिए शक्ति रूप में देखा जाता है। भक्ति और शक्ति का यही अनूठा संगम उसे कभी महा लक्ष्मी, महा सरस्वती, महा काली और कभी मां दुुर्गा के रूप में पूजनीय बनाता है। यह भी एक अद्भुत बात है कि इस भक्ति और शक्ति  के साथ राक्षसी शक्तियां भी जब सर उठाती हैं तो मां दुर्गा महिषासुर राक्षस के रूप में उसका संहार भी करती हैं। अब जबकि नवरात्रे सम्पन्न हो रहे हैं और बुराई की अच्छाई पर जीत में विजय दशमी इस बार हर कोई अपने घर पर ही मना रहा है। जिन कन्याओं का हम देवी रूप में कन्या पूजन करते हैं उनकी ​इज्जत और सुरक्षा करना हमारा फर्ज है। दुर्भाग्य से बच्चियों से जब रेप की घटनाओं के बारे में सुनते हैं तो दिल कांप उठता है लेकिन यह सच है कि हर बुराई का खात्मा अच्छाई से ही होता है और भगवान राम हैं तो रावण का संहार होता है और महिषासुर जैसे दानव हैं तो मां दुर्गा उनका संहार करती है।
राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के वक्त प्रधानमंत्री मोदी जी ने श्रीराम के प्रति समर्पित होकर यही कहा था कि जब आप रक्षक हैं तो हमें चिंता करने की क्या जरूरत है, परन्तु कोरोना महामारी ने हमें चिंता करने पर मजबूर कर दिया है तभी मोदी जी ने देशवासियों को सावधान किया है कि अभी लॉकडाउन खत्म हुआ है कोरोना नहीं, इसलिए सावधानी जरूरी है। समाज और दुनिया के लिए बुराई और महामारी दोनों घातक हैं, लिहाजा हमें सावधान तो रहना होगा। दुश्मन तो दुश्मन है क्योंकि पानी ठंडा हो या गर्म, गंदा हो या अच्छा वह आग तो बुझा ही देता है।  हमें लापरवाही न बरतते हुए अपना बचाव तो करना ही है, साथ में बुराई रूपी दानवों से कंजकों की भी सुरक्षा करनी है और इन नवरा​त्रों से यही संदेश लेना चाहिए।
ऐसे में एक अच्छी खबर आई है कि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि पहली बार भारतीय नेवी में तीन बेटियां इतिहास रचने जा रही हैं तो यह भारत के लिए एक गौरव की बात है। देश की ये तीन बेटियां नेवी में उस बैच की सदस्य होंगी जो डरनियर एयर क्राफ्ट उड़ाएंगी अर्थात् समुद्र में चलते हुए भारतीय जलपोत से ये महिला पायलट विमान को नभ में ले जाएंगी। देश की इन तीनों पायलट बेटियों को यह कलम प्रणाम कर रही है। दिल्ली की लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा, यूपी की शुभांगी स्वरूप और बिहार की लेफ्टिनेंट शिवांगी अब वह इतिहास रच चुकी हैं जो दुश्मन के दांत खट्टे करने के लिए काफी है। रक्षा मंत्री राजनाथ जी उसी मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं जो प्रधानमंत्री मोदी जी ने बेटियों को बचाने और पढ़ाने से कैरियर बनाने तक जोड़कर रखा था। महिलाओं को देश की हर सेवा में अवसर देने का काम  अगर सरकारें कर रही है तभी तो बेटियां मैट्रो, ट्रेनें और लड़ाकू विमान से लेकर अन्तरिक्ष तक पहुंचने का दम भर रही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर गृह मंत्री के रूप में अमित शाह भी बेटियों की सुरक्षा के प्रति सजग हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि इन तीनों बेटियों के संघर्ष और जीवन गाथा को अगर हम पाठ्य पुस्तकों में भी शामिल कर लें तो यह नई पीढ़ी के लिए विशेषकर उन बेटियों के लिए और भी प्रेरणादायी होगा जो ग्रामीण क्षेत्रों से आती हैं।  फिर से यही बात कहना चाहती हूं कि इसी भारत में महिलाओं के प्रति अपराध की दास्तां बहुत लम्बी है और अदालतों में लाखों केस पेंडिंग  हैं। हालांकि न्याय के मंदिर में अपराधियों का बच पाना सम्भव नहीं परन्तु फिर भी गुनहगार आैर उनके पैरोकार व्यवस्था में सुराख ढूंढते रहते हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि व्यवस्था ऐसी हो जहां पीड़ित पक्ष को विशेष रूप से महिलाओं के मामले में जल्द इंसाफ मिल सके।
कोरोना महामारी के चलते हमारे देश में अगर पूरी दुनिया की तुलना में डेथ रेट सबसे कम और रिकवरी रेट सबसे ऊंची है तो लाखों डाक्टरों के साथ सेवाओं में जुड़ी हमारी अन्य डाक्टर बेटियों और नर्सों के रूप में सेवा कर रही उन सिस्टर्स का योगदान भी अतुलनीय है। अनेक महिला पुलिस अधिकारी और सेना तथा अन्य अस्पतालों में ड्यूटी कर रही महिला डाक्टर और नर्सें महीनों तक भी अपने घर नहीं जा पाईं। वहीं देश की महिला टीचर्स ने कोरोना के चलते आनलाइन शिक्षा का एक नया धर्म भी स्थापित किया है। दुर्भाग्य है कि शक्ति  और  भक्ति से जुड़े भारत में बुराई के रूप में आसुरिक ताकतें जन्म लेती हैं तो उनका संहार भी ​नियमित होता रहना चाहिए।  इसीलिए दुनिया में भारत का नाम सबसे ऊंचा है और ऊंचा ही रहेगा। इंसान पर हैवानियत भारी है और साथ ही उस पर कोरोना महामारी भी हमला कर रही है। भगवान राम और मां दुर्गा की कृपा से सब कुछ ठीक होगा, ऐसी उम्मीद ही नहीं बल्कि विश्वास है परन्तु सावधान रहना अनिवार्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ten − 9 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।