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आओ लहरायें घर-घर तिरंगा

देश का बच्चा-बच्चा, जवान, बूढ़ा सब अमृत महोत्सव मनाने में लीन है।

देश का बच्चा-बच्चा, जवान, बूढ़ा सब अमृत महोत्सव मनाने में लीन है। कोई भी भारतवासी ऐसा नहीं जिसके अन्दर देशभक्ति का जुनून न हो। सब में राष्ट्र भक्ति, देशभक्ति, देश प्रेम कूट-कूट कर भरा हुआ है। पंजाब केसरी इस मुहिम में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। खुद तो बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहा है, अपने पाठकों और वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सभी सदस्यों और जे.आर. मीडिया इंस्टीट्यूट के स्टूडैंट्स और देश में फैले हुए हजारों पत्रकारों और टीवी चैनल को प्रोत्साहित कर रहा है। यही नहीं चौपाल जिसकी मैं मुख्य संरक्षिका हूं, उसका एक-एक सदस्य अपनी बहुत सुन्दर फोटो, वीडियो बहुत अच्छे नारों के साथ भेज रहे हैं और तो और स्वाधा क्लब के सभी सदस्य 13 तारीख को ध्वज के साथ अमृत महोत्सव मनाते हुए बर्तन भंडार खोलेंगे।  यही नहीं पचनंद जिसकी नींव अश्विनी जी ने रखी थी और  जिसका राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी धर्मदेव जी को बनाया था, वो अपनी कार्यकारिणी के साथ मेरे आफिस में पधारे और उन्होंने मुझे अश्विनी जी का स्थान (राष्ट्रीय संरक्षक पचनंद) लेने का आग्रह किया। मैं तो क्या उनका कोई भी स्थान नहीं ले सकता, परन्तु उनके अधूरे सपने को पूरा करने के लिए उनके साथ जुड़ूंगी जरूर।14 अगस्त को विभाजन के समय बंटवारे के समय लाखों लोगों की जान चली गई थी। इन्हीं लोगों के संघर्ष एवं कुर्बानियों की याद में हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ऐसे लोगों की याद में पिछले स्वतंत्रता दिवस को लालकिले की प्राचीर से हर साल 14 अगस्त का विभाजन वि​भीषिका स्मृति दिवस मनाने की घोषणा की थी। पचनंद के प्राण रहे और नींव रखने वाले स्वर्गीय अश्विनी कुमार चोपड़ा जी का भी यही संकल्प था कि हमारे जिन पूर्वजों ने इस कत्लेआम में अपनी जान गंवाई थी, उनकी याद में कोई स्मृति, स्मारक जरूर बनना चाहिए। अश्विनी जी उसी सपने को साकार करते हुए पचनंद स्मारक ट्रस्ट ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आगामी 14 अगस्त, 2022 को विभाजन विभीषिका ​स्मृति दिवस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। जिसमें हरियाणा के सीएम मुख्य अतिथि और मैं विशिष्ट अतिथि रहूंगी। पचनंद स्मारक ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी खुद ट्रस्ट के बाकी सदस्यों के साथ निमंत्रण देने आए और उन्होंने वायदा ​किया​ कि हर स्थान में अश्विनी जी का नाम पहले लिया जाएगा। वाक्य ही मुझे अश्विनी जी के हर सपने, हर अधूरे काम को पूरा करना है।कुल मिलाकर हर तरफ देशभक्ति का माहौल है।­बहुत-बहुत साल पहले की बात है जब हम बच्चे हुआ करते थे तब 2 अक्तूबर, 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौके पर स्कूलों में तरह-तरह के देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम चलते थे। रेडियो पर सारा-सारा दिन देशभक्ति के ही गीत प्रसारित किये जाते थे और हर किसी का मन जोश से लबरेज रहता था। उन दिनों हमारा बाल मन इस बात के लिए बहुत हसरत लिए इंतजार में रहता था कि मंच पर जो देशभक्ति का नाटक चल रहा है जिसमें आजादी के दिनों के दृश्य दिखाये जा रहे हैं तो हमें भी हाथों में तिरंगा मिल जाये। तब समय और था। कहीं भी तिरंगा लहराते हुए देखते तो वहीं सैल्यूट भी करके आगे बढ़ते। आज भी देश में यही भावना बनी हुई है तो इसके पीछे कहीं न कहीं सरकार के और सुप्रीम कोर्ट के इन प्रयासों का भी सम्मान किया जाना चाहिए जिसके तहत यह व्यवस्था की गई है कि कोई भी व्यक्ति कहीं भी और कभी भी तिरंगा लहरा सकता है। हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव आजादी के 75 वर्ष पूरे होने की खुशी में मना रहे हैं। ऐसे में मोदी सरकार का घर-घर तिरंगा लहराने का अभियान जोर पकड़ रहा है। अहम बात यह है कि पीएम मोदी जी, गृहमंत्री शाह जी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी, भाजपा अध्यक्ष जे.पी.  नड्डा जी समेत अनेक नेतागण अपनी डीपी पर तिरंगा टैग कर चुके हैं। यह पूरे देश के लिए  प्रेरणादायी है। मैं स्वयं अपनी डीपी पर तिरंगा टैग कर चुकी हूं तथा लोग भी इसी का अनुसरण कर हर पल काे गौरवशाली बना रहे हैं।मैं अपने सभी पाठकों को उनके बच्चों को आमंत्रित करती हूं। अपनी फोटो और वीडियो तिरंगे के साथ भेजें, जिन्हें हम छापेंगे भी और वीएनकेके फेसबुक पेज पर अपलोड भी करेंगे। हर तरफ देशभक्ति का माहौल है, जोश हैै, मुंह से अपने आप देशभक्ति के भरपूर गीत निकलते हैं। इस अभियान के तहत 11 अगस्त से 17 अगस्त तक घरों में तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित किया जायेगा। संस्कृति मंत्रालय इसे सफल बनाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा है। सच बात तो ये है कि राष्ट्र निर्माण में सरकार का यह अभियान सचमुच हमारी तिरंगे की आन-बान और शान को समर्पण होगा। नई पीढ़ी में वैसे भी जोश है और तिरंगे को लेकर अगर हम समाज में इस अभियान के तहत जागरूकता फैला रहे हैं तो इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए। पिछले साल ही सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर हमें अपनी राष्ट्रभक्ति का प्रदर्शन पूरी ताकत के साथ करना चाहिए और इसीलिए अनेक सामाजिक संगठन कार्यालय, कॉरपोरेट दफ्तर हर कोई जुड़ा रहा परंतु घर-घर तिरंगा अभियान सचमुच में एक अलग शान प्रस्तुत करेगा। कल्पना कीजिए कि जब आप कार से, बस से, ट्रेन से या फिर हवाई जहाज से यात्रा करेंगे और एक ही नजर में हर तरफ तिरंगा फहराते हुए देखेंगे तो इससे बड़ा राष्ट्रीय गौरव हो नहीं सकता और अमृत महोत्सव का आयोजन अपनी सार्थकता को सिद्ध कर देगा। तिरंगा घर-घर फहराने की अपील भले ही राष्ट्रीय स्तर पर हो सकती है परंतु हमारा मानना है कि हमें खुद इसके लिए प्रेरित होकर अपने अडा़ेस पड़ोस हर किसी को तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित करना चाहिए। मैं समझती हूं कि ऐसा जोश अपने आपमें एक राष्ट्रीय कर्तव्य और राष्ट्रीय अनुशासन है जिसकी देश को सबसे ज्यादा जरूरत है। क्योंकि कोई भी राष्ट्र अनुशासन और कर्तव्यपरायणता के साथ ही अपनी एक गौरवशाली पहचान बनाता है। जीवन के क्षेत्र में स्कूलों और सेना के तीनों अंगों में जितना अनुशासन भारत में है उसकी जरूरत देश में हर क्षेत्र में होनी चाहिए। राष्ट्र  के प्रति सम्मान की भावना जितनी बुलंद हो उतना ही अच्छा। यह सही है कि आजादी के दिवानों शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर, रामप्रसाद बिसमिल्ल, वीर सावरकर, लाला लाजपतराय, शहीद उधम सिंह जैसे हजारों नाम हैं जिन्होंने अपना जीवन हमें आजादी दिलाने के लिए कुर्बान किया। हमारा यही मानना है कि देश की नई  पीढ़ी को इन अमर शहीदों से जुड़े अनछुए पहलुओं के बारे में भी पता होना चाहिए। यह अलग-अलग स्थानों पर इन शहीदों के चित्रों के माध्यम से, प्रदर्शनी के माध्यम से होने चाहिए। 

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