पैंडोरा पेपर्स : खुलेगी भारतीयों की कुंडली - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

पैंडोरा पेपर्स : खुलेगी भारतीयों की कुंडली

पनामा पेपर्स के बाद पैंडोरा पेपर्स ने पूरी दुनिया में तूफान मचा दिया है। इन पेपर्स में दुनिया भर के नेताओं और अरबपतियों की सम्पत्तियों और गुप्त सौदों का पर्दाफाश हुआ है।

पनामा पेपर्स के बाद पैंडोरा पेपर्स ने पूरी दुनिया में तूफान मचा दिया है। इन पेपर्स में दुनिया भर के नेताओं और अरबपतियों की सम्पत्तियों और गुप्त सौदों का पर्दाफाश हुआ है। फिनसेन फाइल्स, पैराडाइज पेपर्स, पनामा पेपर्स और लक्सलीक्स के बाद पिछले 7 वर्षों में लीक हुए वित्तीय दस्तावेजों की सूची में पैंडोरा पेपर्स एक नई कड़ी है। इन पेपर्स में दिग्गज उद्योगपति अनिल अम्बानी से लेकर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी नाम है। अनिल अम्बानी अकेले ऐसे बिजनेसमैन नहीं हैं जिन्होंने खुद को दिवालिया घोषित किया और विदेशों में सम्पत्ति बना रखी है। दस्तावेजों में नीरा राडिया, फिल्म अभिनेता जैकी श्राफ, बायकान की किरण मजूमदार और नीरव मोदी की बहन का नाम भी सामने आया है। 
यह बात भी सामने आई है कि ऐसे कई मामले हैं​​ जिनमें लोन डिफाल्टर्स से खुद को दिवालिया घोषित किया है। इनमें से कईयों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन इन लोगों के पास विदेशों में अरबों की सम्पत्ति है। इसमें रियल एस्टेय क्षेत्र के मुम्बई ​स्थित व्यवसाइयों का एक समूह भी शामिल है जिन पर भारतीय बैंकों का 88 हजार करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है।  पेपर्स में भारतीय नेताओं के नाम भी हैं। इस सूची में कुल 380 भारतीयों के नाम हैं लेकिन पुष्टि अभी 60 की ही हुई है। इससे साफ है कि दुनिया के कई अमीर और शक्तिशाली लोग अपनी सम्पत्ति छिपा रहे हैं। 
लीक में सामने आया है कि जार्डन के शाह ने ब्रिटेन और अमेरिका में गुप्त रूप से 7 करोड़ पाउंड की सम्पत्ति खरीदी। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और उनकी पत्नी ने लंदन में अपना आफिस खरीदते समय स्टैंप ड्यूटी नहीं दी और तीन लाख 12 हजार पाउंड बचाए। लीक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी, जिनमें कैबिनेट मंत्री और उनके परिवार के लोगों के नाम शामिल हैं। इस लीक में बताया गया है कि इन लोगों ने गुप्त रूप से आफशोर कंपनिया खरीदीं। दस्तावेजों से पता चला है कि अजरबैजान के सत्तारूढ़ एलियेव परिवार ने आफशोर कम्पनियों का इस्तेमाल करके ब्रिटेन में गुप्त रूप से सम्पत्तियां खरीदीं। भ्रष्टाचार के आरोप झेलने वाले राष्ट्रपति एलियेव के 11 वर्ष के बेटे के नाम पर लंदन में 3.3 करोड़ पाउंड के आफिस ब्लाक सहित 17 सम्पत्तियां खरीदी गईं। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि दुनिया में लूट मची हुई है और प्रभावशाली राजनीतिज्ञ, बड़े उद्योगपति और व्यापारी कैसे अपनी काली कमाई को विदेशों में सुरक्षित रखे हुए हैं। पेपर्स में कुछ सेवानिवृत्त नौकरशाहों के नाम भी हैं।
दरअसल 9/11 आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका ने टेरर फंडिंग पर कड़ाई शुरू की तो स्विस बैंकों को भी झुकना पड़ा। उन्हें अपने ग्राहकों की जानकारियां अमेरिकी एजैंसियों को देनी पड़ीं। यह वह दौर था जब भारत में भी कालेधन पर अंकुश लगाने की चर्चा छिड़ी हुई थी। भारत में भी विदेशों में जमा धन को वापिस लाने के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ा गया था। भाजपा ने इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। नरेन्द्र मोदी सरकार ने भी स्विस बैंकों पर काफी दबाव बनाया था। उसके बाद अब तक कई खुलासे हुए हैं। इंटरनेशनल कॉर्सो​टोरियम ऑफ़ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआई जे) की तरफ से यह सबसे बड़ी पड़ताल है, जिसमें दुनिया भर के 650 खोजी पत्रकाराें ने हिस्सा लिया। 
1.2 करोड़ दस्तेवाजों को एक्सेस किया गया। यह दस्तावेज कई देशों की वित्तीय सर्विस कम्पनियों से लीक हुए। हालांकि जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन्होंने दावा किया है कि इसमें कुछ भी गैर कानूनी नहीं है और भारत के आयकर​ विभाग को इसकी जानकारी दी जा चुकी है। आईसीआईजे के फर्गस शील का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर इससे पहले कुछ नहीं हुआ और यह इस वास्तविकता को सामने लाना है कि कितने बड़े स्तर पर ऑफशोर विदेशी कम्पनियां लोगों के लिए कालाधन छिपाने और टैक्स बचाने का जरिया बनी हुई हैं। यह लोग इन विदेशी अकाउंट, विदेशी ट्रस्टों का उपयोग कर दूसरे देशों में करोड़ों डालर की सम्पत्ति खरीद रहे हैं और आम नागरिकों के पैसे का इस्तेमाल कर अपने परिवारों को समुद बनाने में कर रहे हैं। 
पैंडोरा पेपर्स में जिन लोगों के नाम होंगे उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। सरकार उनकी पूरी कुंडली खंगालेगी। मोदी सरकार ने पंडौरा पेपर्स लीक्स से जुड़े मामलों में जांच का निर्देश दे दिया है। यह जांच बहु-एजैंसियों का समूह मिलकर करेंगी। इसकी अध्यक्षता केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बाेर्ड के चेयरमैन होंगे। समूह में सीबीडीटी, प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय ​रिजर्व बैंक और वित्त्य खुफिया इकाई के प्रतिनिधि शामिल होंगे।  अभी तक भगौड़े हो चुके विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहलु चौक्सी और अन्य के मामले अंजाम तक नहीं पहुंचे हैं। हालांकि इनकी काफी सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है। नए मामलों की जांच भी काफी जटिल होगी। पहले उन लोगों की पहचान और पुख्ता जानकारी ताे जांच समूह को प्राप्त करनी होगी। उसके बाद भी कार्रवाई की ​प्रक्रिया काफी जटिल होती है। हर देश के अपने-अपने कानून हैं। टैक्स हैवन देश जानकारी देने को तैयार नहीं होते। देखना होगा कि भारत जांच में कितना सफल होता है।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × 3 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।