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चीनी मांझे से मरते लोग

रक्षाबंधन हो या स्वतंत्रता दिवस या फिर खुशियों से भर देने वाला कोई भी पर्व हो, हमारे युवाओं के लिए मिठाइयों की मिठास के साथ-साथ पतंगबाजी के उत्साह से भरा पर्व है।

रक्षाबंधन हो या स्वतंत्रता दिवस या फिर खुशियों से भर देने वाला कोई भी पर्व हो, हमारे युवाओं के लिए मिठाइयों की मिठास के साथ-साथ पतंगबाजी के उत्साह से भरा पर्व है। लेकिन पतंगबाजी पेंच लड़ाकर, हर पल रोमांच से भर देने वाला पर्व एक ही पल में आपकी सारी खुशियां छीन भी सकता है। पतंग उड़ाने के लिए आप ​जिस मांझे का इस्तेमाल करते हैं, यह बेहद खतरनाक हो सकता है। बाजार विभिन्न आकार की पतंगों से सजा हुआ है, आप अपनी पसंद के मुताबिक कोई भी पतंग चुन सकते हैं लेकिन इसे उड़ाने के लिए मांझे यानि पतंग उड़ाने की डोर का प्रयोग कर रहे हैं, उसे लेकर सावधान होना भी बहुत जरूरी है। यह डोर न केवल आपको बुरी तरह घायल कर सकती है बल्कि यह सुनहरी डोर आपकी या अपनों की जिन्दगी भी छीन सकती है। आंकड़े बताते हैं कि 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जानलेवा चाइनीज मांझे की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद जुलाई 2022 तक आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग बुरी तरह से घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद चाइनीज मांझा धड़ल्ले से बिक रहा है और  पतंगबाज खुलेआम पेंच लड़ा रहे हैं।
 पिछले दिनों अपनी दुकान से  घर के लिए निकले कारोबारी सुमित की हैदरपुर फ्लाईओवर पर घातक मांझे से कट कर हुई मौत दुखद और स्तब्ध कर देने वाली है। दर्दनाक हादसे के बाद सुमि​त रोड पर तड़पते रहे। उनके शरीर से काफी खून बह चुका था लेकिन रास्ते से गुजर रहे लोग तमाशबीन बने रहे। सुमित अपनी बाइक पर सवार होकर फ्लाईओवर से गुजर रहे थे कि मांझा उनकी गर्दन से उलझ गया, जब तक वह बाइक रोक पाते, खून का फव्वारा उनकी गर्दन से निकल पड़ा। इस  तरह जानलेवा मांझे ने परिवार के इकलौते चिराग को छीन लिया। ऐसे कई हादसों के बाद दिल्ली पुलिस एक्शन में आई और लगातार छापेमारी की जा रही है, कुछ लोग पकड़े भी जा चुके हैं। पुलिस ने चाइनीज मांझे के रोल भी बरामद किए हैं। प्रतिबंध के बावजूद यह मांझा बाजार में आ रहा है। 
दिल्ली में पतंगबाजी पर प्रतिबंध लगाने को लेकर एक वकील की याचिका पर ​
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब भी मांगा है। पतंग की डोर के कारण कई लोग और पक्षी मारे गए हैं। ऐसी दुर्घटनाएं नियमित रूप से हो रही हैं। लोगों के जीवन की सुरक्षा खतरे में है। पतंगों को उड़ाने, बनाने, बेचने, भंडारण और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध और पतंग बनाने और उड़ाने में दुरुपयोग की जाने वाली वस्तुओं  के निर्माण पर रोक एक मात्र समाधान है, क्योंकि कुछ मामलों में पतंग के मांझे से दुर्घटना होने पर जिम्मेदार अपराधी को पकड़ना काफी असम्भव है। पुलिस के लिए यह ढूंढना काफी मुश्किल होता है कि पतंग कौन उड़ा रहा था, किसकी पतंग की डोर कटी और लोग उससे उलझ गए। सीसीटीवी कैमरों में भी कुछ पता नहीं चलता। कोई कह रहा है कि चाइनीज मांझा सूरत से ट्रक से दिल्ली पहुंचता है, कोई कुछ कह रहा है। कोई चाइनीज मांझे का स्रोत मेरठ तो कोई बरेली बता रहा है। 
पतंग मा​र्केट एसोसिएशन का कहना है कि चाइनीज मांझे नाम की कोई चीज ही नहीं है, दरअसल वह प्लास्टिक का धागा है, जो टूटता नहीं है और काफी खतरनाक है। पकड़े गए आरोपी बता रहे हैं कि एक चरखी में चार सौ मीटर चाइनीज मांझा होता है। इसकी डोर की कोटिंग लोहे के बरूदा और  कांच के टुकड़ों से की जाती है। ​बिजली की तार पर गिरने से इसमें करंट भी आ जाता है। भारत में पर्वों पर हर बात पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। पतंग उड़ाना लोगों का परम्परागत शौक रहा है। कारोबारी अपने मुनाफे के लिए लोगों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं। पुलिस ऐसा मांझा बेचने पर धारा 188 (144 का उल्लंघन) और  290 (नियमों का उल्लंघन) के तहत मुकदमा दर्ज करती है। इस धारा में तो थाने में ही जमानत दी जा सकती है। पुलिस ने अब तक 256 केस दर्ज किए हैं, जबकि 137 लोगों को पर्यावरण संरक्षण एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है। चीनी मांझे की बिक्री पर प्रतिबंध के तहत 5 वर्ष की जेल और  एक लाख तक का जुर्माना किया जा सकता है। खतरनाक चाइनीज मांझे की बिक्री सोशल मीडिया पर की जा रही है। हीरो और कोबरा नाम के ब्रांड ​​बिक रहे हैं। सौदों से पहले सैम्पल भी कूरियर से भेजे जाते रहे हैं। 
अगर आप रक्षाबंधन पर या आजादी के अमृत महोत्सव पर पतंगबाजी करने की तैयारी कर रहे हैं तो सम्भल जाइये। इसमें कोई संदेह नहीं कि पतंगबाजी एक सांस्कृतिक गतिविधि बन चुका है। जहां पुलिस को खतरनाक मांझे की बिक्री रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे वहीं लोगों को भारतीय सूती धागे से बने मांझे का इस्तेमाल करना होगा। केवल अपनी पतंग नहीं कटे, केवल दूसरों की पतंग कटे, इसके​ लिए लोगों की जान को खतरे में डालना ठीक नहीं। यह अपराध होगा। चाइनीज मांझा बेचने वाले दुकानदारों के विरुद्ध भी कड़ी आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

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