दुनिया के सबसे पुराने लोकतन्त्र संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास में यह पहला मौका है जब उसके राष्ट्रपति रहे किसी व्यक्ति को वहां की अदालत ने किसी अपराध में मुजरिम पाया है। यह व्यक्ति 2020 तक राष्ट्रपति रहे श्री डोनाल्ट ट्रम्प हैं जो इस देश की प्रभावशाली रिपब्लिकन पार्टी के सम्मानित सदस्य हैं और 2024 में पुनः राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की तैयारी में भी हैं। पूरी दुनिया में अमेरिका का लोकतन्त्र बहुत ऊंची निगाह से देखा जाता है और ऐसा लोकतन्त्र समझा जाता है जिसमें प्रशासन से लेकर सत्ता के सभी खंडों का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ होता है। पचास राज्यों के विभिन्न सांस्कृतिक समूहों वाला यह देश अपनी संघीय एकता के लिए भी जाना जाता है जिसके प्रत्येक राज्य में नागरिकों को पूरे मानवीय अधिकार प्राप्त हैं जिनकी सुरक्षा यहां की न्यायपालिका पूरी ताकत से करती है। मगर इस देश में किसी भी सजायाफ्ता व्यक्ति को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता और वह जेल से भी चुनाव लड़ने के लिए स्वतन्त्र रहता है। अतः श्री डोनाल्ड ट्रम्प अपने खिलाफ चलाये गये मुकदमे को एक राजनैतिक प्रताड़ना का मुद्दा बना रहे हैं और कह रहे हैं कि उनके राजनैतिक विरोधियों का ही यह बिछाया हुआ जाल है जिसे न्यायिक प्रक्रिया के जरिये लागू किया गया है। उनके इस तर्क में कितना वजन है इसका सही उत्तर तो अमेरिकी नागरिक ही दे सकते हैं।
मगर इतिहास गवाह है कि श्री ट्रम्प अपने देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति माने जाते हैं जिनके पद पर आसीन रहते अन्तर्राष्ट्रीय जगत में अमेरिका की महत्ता कम हुई और विश्व शक्ति होने की इसकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंची। श्री ट्रम्प पर आरोप सिद्ध हुआ है कि उनके अश्लील फिल्मों की एक तारिका स्टोर्मी डेनियल के साथ शारीरिक सम्बन्ध थे जिन्हें छिपाने के लिए उन्होंने तारिका को एक लाख तीस हजार डालर की रकम तब अदा की थी जब वह 2016 में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे थे। यह धनराशि चुनाव प्रचार कोष से उनके प्रबन्धक द्वारा डेनियल के खाते में जमा कराई गई। यह धनराशि तारिका डेनियल को इस वजह से दी गई जिससे वह अपना मुंह बन्द रखे क्योंकि श्री ट्रम्प उस समय चुनाव प्रचार में थे। तारिका डेनियल ने इससे पहले रहस्योद्घाटन किया था कि 2006 में ट्रम्प ने उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाये थे? मगर ट्रम्प ने डेनियल के दावों का हमेशा विरोध किया था।
सवाल उठ रहा है कि यदि ट्रम्प यह स्वीकार नहीं कर रहे थे कि उनके डेनियल के साथ सम्बन्ध थे तो फिर उन्होंने 2016 में उसे एक लाख 30 हजार डालर की धनराशि क्यों दी? मगर मैनहट्टन की अदालत द्वारा ट्रम्प को दोषी करार देने से पहले ही 2018 में मैनहट्टन की अदालत ने ट्रम्प के सहायक माइकेल कोहेन को डेनियल को धनराशि अदा करने से लेकर चुनाव कोष में गड़बड़ी करने के लिए दोषी करार दे दिया था। उस समय अदालत में कोहेन ने कबूल किया था कि श्री ट्रम्प ने ही उन्हें धनराशि देने का आदेश दिया था। अतः पूरा मुकदमा शीशे की तरह साफ है जिसमें श्री ट्रम्प मुजरिम साबित हो रहे हैं परन्तु इसके राजनैतिक परिणाम क्या होंगे, इसे लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि अमेरिका के कुछ राजनैतिक पंडितों का मानना है कि ट्रम्प इस मुकदमे को मुद्दा बना कर अमेरिकी जनता की सहानुभूति प्राप्त कर सकते हैं, खासकर रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों की। अमेरिकी समाज बहुत उदार और खुला हुआ माना जाता है जिसमें नागरिकों के मूल मानवाधिकारों को बहुत महत्व दिया जाता है लेकिन यहां का समाज लोकतान्त्रिक मूल्यों के प्रति भी पूरी तरह समर्पित माना जाता है और ट्रम्प पर उनके राजनैतिक विरोधी इन्हीं मूल्यों के अवमूल्यन करने का आरोप लगाते रहे हैं।
विशेष कर 2020 के चुनावों के बाद श्री ट्रम्प के चुनाव हार जाने के बाद जिस प्रकार की आक्रामक गतिविधियां अमेरिकी संसद से लेकर अन्य सत्ता के प्रतिष्ठानों पर हमला करने की कोशिशें उनके समर्थकों ने की थी, उसे लेकर पूरे विश्व की लोकतान्त्रिक ताकतों ने गंभीर चिन्ता व्यक्त की थी और बाद में स्वयं अमेरिका की संसद के सदन हाऊस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने भी श्री ट्रम्प को इसके लिए दोषी माना था मगर दूसरे सदन सीनेट से उन्हें हरी झंडी मिल गई थी। वास्तव में उन पर महाभियोग चलाया गया था लेकिन 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में यदि श्री ट्रम्प को ही रिपब्लिकन पार्टी पुनः उम्मीदवार बनाती है तो देखने वाली बात यह होगी कि ट्रम्प को मुजरिम के कठघरे में खड़ी करने वाली अश्लील फिल्मों की तारिका डेनियल क्या रुख अपनाती है। इस देश में फिलहाल डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति श्री बाइडेन सत्तारूढ़ हैं। मुख्य मुकाबला भी डेमोक्रेट व रिपब्लिकनों को बीच ही रहता है। क्या 2024 के चुनाव प्रचार में एक तारिका की भी कोई भूमिका रहेगी?
आदित्य नारायण चोपड़ा
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