गृह मंत्रालय की इस गाइड लाइन का स्वागत... - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

गृह मंत्रालय की इस गाइड लाइन का स्वागत…

जब कभी कहीं भी कोई अपराध होता है तो निगाहें पुलिस की तरफ उठती हैं और इसके साथ ही अदालत की तरफ भी लोग रुख करने लगते हैं। हमारे यहां क्योंकि लोकतंत्र में हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है

जब कभी कहीं भी कोई अपराध होता है तो निगाहें पुलिस की तरफ उठती हैं और इसके साथ ही अदालत की तरफ भी लोग रुख करने लगते हैं। हमारे यहां क्योंकि लोकतंत्र में हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है तो इसलिए गुनाह को लेकर कोई कुछ भी कहने लगता है। जब से राजनीतिक चश्मे से देखा जाएगा तो अखबारों की सुर्खियां ज्यादा ही चमकने लगती हैं और चैनल और भी ज्यादा ​दिलचस्पी लेकर मामले को तूल देने लगते हैं। लेकिन अगर हाथरस में हुए कथित रूप से रेप कांड और बलरामपुर की घटना का उल्लेख करें तो बात सीबीआई तक जा पहुंची है और जांच चल रही है। अपराध हो जाने के बाद पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े होते रहते हैं। पीड़ित और आरोपियों के पक्ष में ग्रुप बनने लगते हैं, परन्तु राहत की बात यह है कि गृह मंत्रालय अब जिस व्यक्ति के पास है, उन गृहमंत्री अमित शाह को देखकर उम्मीद की जा सकती है कि इंसाफ जरूर होगा तभी तो गृहमंत्रालय ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पूरे देश के राज्यों को नई गाइडलाइन्स पिछले हफ्ते ही जारी की हैं, कि दो महीने में रेप से जुड़े या अन्य यौनशोषण के मामले में गम्भीर मामले हों तो उसकी जांच हो जानी चाहिए।
हाथरस कांड से पहले हम उस निर्भय कांड की घटना का जिक्र करना चाहेंगे जब आधी रात को एक मैडिकल छात्रा से चार लोगों ने उसकी अस्मत से खिलवाड़ किया और उसकी मौत हो गई। हालांकि हाईकोर्ट ने फार्स्ट ट्रैक कोर्ट से मिली फांसी की सजा को बहाल रखा और यह अमित शाह जी की राजनीतिक इच्छा शक्ति​ ही थी कि वह संविधान और कानून के दायरे में रहते हुए मामले की जानकारी प्राप्त करते रहे और आखिरकार गुनाहगारों को फांसी मिली। अगर राजनीतिक नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी जी जैसा मजबूत है तो भारतीय लोकतंत्र में इंसाफ की उम्मीद की जा सकती है। वह चाहे ​दलित की बेटी हो या निर्भय रेप कांड के गुनाहगार हों या कोई भी अपराध हो, क्योंकि अब सरकार में ऊंचे पदों पर बैठे मंत्री कर्त्तव्यपरायण हैं इसीलिए अमित शाह जी द्वारा दो महीने में रेप की घटनाओं में राज्यों को जांच के निर्देश को लेकर एक उम्मीद जगी है। 
कहा भी गया है कि देरी से मिला इंसाफ किस काम का।  हमारे यहां सच है कि न्यायिक प्रणाली की व्यवस्था बहुत व्यापक है,  इसलिए किसी भी गुनाह का फैसला आते-आते वर्षों लग जाते हैं और तारीख पर ​तारीख को लेकर लोग नई परम्पराओं की शुरूआत भी करते हैं, परन्तु यह भी सच है कि अब इंसाफ होने लगा है। हाथरस केस में सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंच चुका है और सीबीआई जांच कर रही है।  ​फिर भी गृहमंत्रालय बराबर सतर्क है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस कांड के बाद पहले सीएम जोगी से बात की और उन्हें कहा कि गुनाहगार बचने नहीं चाहिएं और दलित बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह जो कोरोना को परास्त कर चुके हैं और इसी मामले में डट गए तथा ऐसे में राज्यों को उनका यह ऐलान  सचमुच लोगों के लिए सकून लाने वाला है। हमारा मानना है कि गृहमंत्रालय ने दो महीने में रेप की जांच से जुड़े आदेश को जारी करते समय सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को भी ध्यान में रखा जिसमें ​मृत्यु के समय दिए गए बयान को अहम माना गया है। इतना ही नहीं अमित शाह जी ने पुलिस को भी हिदायत दी है कि केस के गुनाह का पता चलने पर प्राथमिकी दर्ज करना जरूरी है और जीरो एफआईआर को भी महत्व दिया जाना चाहिए। 
हम महिलाओं के प्रति सशक्तिकरण के पक्षधर हैं और गुनाह की सूरत में न्याय की आवाज उठाते हैं, जो सही है। परन्तु साथ ही जरूरी बात यह है कि हमें पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जैसी मजबूत इच्छाशक्ति वाले महानुभावों पर भरोसा भी करना होगा जो भविष्य की व्यवस्था को एक उदाहरण बनाकर आगे बढ़ रहे हैं। जिन्होंने 3 तलाक पर बहुत सी महिलाओं का मान-सम्मान रखा, उनके हक की रक्षा की। असल में फिर घूम फिर कर बात वहीं पहुंच जाती है कि अब महिलाएं किसी से कम नहीं। सभी क्षेत्रों में सबसे आगे या बराबर की भागीदारी है। महिला सशक्तिकरण हो चुका है, परन्तु रेप, महिला को सैकेंड ग्रेड समझना, उसे तंग करना यह हमारे समाज की छोटी सोच रखने वालों की मानसिकता है, जिसे ठीक करना बहुत जरूरी है। जो घर से शुरू होकर समाज को ठीक करेगी। अक्सर घर के लोग, रिश्तेदार या जानने वाले ही रेप में शामिल होते हैं या महिला को तंग करते हैं। कोई भी महिला को तंग घर से ही किया जाता है। समाज की बारी बाद में आती है, इसलिए लोगों की सोच, मानसिकता को बदलना जरूरी है। पहले सख्त कानून बनेंगे तभी यह रुक सकेगा, थमेगा। क्योंकि भय बिन न होय प्रीत।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen + 14 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।