हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने राज्य में भाजपा-जननायक जनता पार्टी (जजपा) गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि सत्ता में आने के एक महीने बाद भी वे अब तक न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को अंतिम रूप नहीं दे सके है और लोग सरकार द्वारा कामकाज शुरू करने का इंतजार कर रहे है।
हुड्डा ने यहां पत्रकारों से बातचीत में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी पिछले चुनावों की तुलना में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में अपनी सीटों की संख्या में गिरावट पर आत्मनिरीक्षण करने के लिए विभिन्न स्थानों पर बैठकें कर रही है, जबकि लोग राज्य सरकार के कामकाज शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि उन्होंने (भाजपा) क्यों खराब प्रदर्शन किया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनावों में लोगों से किये अपने वादों को पूरा नहीं किया।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा दावा करती रहती थी कि उन्हें 90 सदस्यीय विधानसभा में 75 से अधिक सीटों पर जीत मिलेगी लेकिन वह बहुमत का आंकड़ा भी नहीं छू सकी।
दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जजपा 21 अक्टूबर को हुए राज्य विधानसभा चुनाव मैदान में अकेले उतरी थी और उसने 10 सीटें जीती थी। भाजपा के बहुमत का आंकड़ा हासिल नहीं करने के कारण जजपा ने सरकार गठन के लिए भगवा पार्टी से गठबंधन कर लिया था।
भाजपा ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि 2014 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में उसे 47 सीटों पर जीत मिली थी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा और जजपा दोनों को लोगों को बताना चाहिए कि क्या वे अगला विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में धान खरीद में ‘‘बड़ा घोटाला’’ हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
एक सवाल के जवाब में हुड्डा ने संकेत दिये कि विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी की ओर से टिकट वितरण में ‘‘कुछ खामियां’’ रही थी और कांग्रेस नेतृत्व द्वारा राज्य इकाई में बदलाव करने में देरी की गई।
हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कांग्रेस ने सीटों के रूप में इसकी कितनी कीमत चुकाई।
राज्य की कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को लेकर हुड्डा ने आरोप लगाया, ‘‘हरियाणा महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में अब देश में शीर्ष स्थान पर है।’’ उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर है।
कांग्रेस नेता ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि केन्द्र को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा की एसपीजी सुरक्षा को बहाल करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘वे एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसने इस देश की खातिर बलिदान दिया है। उनके सुरक्षा कवर को कम नहीं किया जाना चाहिए।’’