भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत आज यानी 1 मार्च से हो गई है। दूसरे चरण में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारी वाले 45 साल से ऊपर की उम्र वाले लोगों को टीका लगाया जा रहा है। दूसरे चरण की शुरुआत में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह ही कोरोना वैक्सीन ले ली है। इसके अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी वैक्सीन लगवाई है।
इस बीच हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कोरोना वैक्सीन ना लगवाने का फैसला किया है। इसका कारण बताते हुए उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि आज आम जनता के लिए कोरोना वैक्सीन शुरू होने जा रही है। सब को निस्संकोच कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए। मैं तो नही लगवा पाऊंगा क्योंकि कोविड होने के बाद मेरी एंटीबॉडी 300 बनी है जो कि बहुत ज्यादा है। शायद मैंने जो ट्रायल वैक्सीन लगवाई थी इसमें उसका भी योगदान हो। मुझे अभी वैक्सीन की जरूरत नहीं है।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि 1 मार्च से होने वाला टीकाकरण 10 हजार सरकारी और 20 हजार प्राइवेट सेंटरों पर हो सकेगा। सरकारी सेंटर्स पर वैक्सीन मुफ्त में लगेगी, जबकि प्राइवेट सेंटर्स में वैक्सीन लगवाने के लिए पैसे देने पड़ेंगे। जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”जो लोग प्राइवेट अस्पताल में कोरोना की वैक्सीन लगवाना चाहेंगे, उन्हें पैसे खर्च करने पड़ेंगे। अस्पतालों और मैन्युफैक्चरर्स से बात करने के बाद आने वाले दो-तीन दिनों में प्राइवेट सेंटर पर लगने वाले पैसों के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय फैसला ले लेगा।”
इस बीच, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके अधिकांश सहयोगी (मंत्री) अपने टीकों का भुगतान करेंगे। टीकाकरण अभियान की शुरुआत भारत में 16 जनवरी से हुई थी। तब से अब तक 1 करोड़ 20 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। पहले चरण में हेल्थकेयर वर्कर्स से वैक्सीन लगवाने की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद 2 फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाई जाने लगी। सरकार ने सभी हेल्थकेयर वर्कर्स को कोरोना वायरस वैक्सीन का पहला डोज देने की 20 फरवरी तक समयसीमा तय की थी। अधिकारियों ने बताया कि 8 राज्य 75 फीसदी हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।