चंड़ीगढ़ : एशियन कुश्ती चैंपियनशिप व रैंकिंग कुश्ती सीरीज में हरियाणा का दम दिखाई देगा। क्योंकि इन दोनों प्रतियोगिता के लिए चुने गए 12 पहलवानों में अकेले हरियाणा के 11 पहलवान शामिल हैं। जहां पहलवान बजरंग पूनिया से ट्रायल के लिए किसी भी पहलवान के आगे नहीं आने पर पहले ही चुन लिया गया था, वहीं ओलंपिक गेम्स के 11 भार वर्ग में ट्रायल के बाद पहलवानों को चुना गया। इस बार पहलवानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वह दोनों प्रतियोगिता में मेडल नहीं जीतते हैं तो उनको एशियन ओलंपिक क्वालीफायर के लिए दोबारा ट्रायल देना होगा।
इसलिए पहलवानों को मेडल जीतने के लिए ज्यादा दम लगाना होगा। इटली में 15-18 जनवरी में होने वाली रैंकिंग सीरीज व दिल्ली में 17-23 फरवरी को होने वाली एशियन चैंपियनशिप के लिए शुक्रवार को दिल्ली में ट्रायल हुए। ट्रायल के बाद फ्री स्टाइल में 57 किलो में सोनीपत के रवि दहिया, 65 किलो में झज्जर के बजरंग पूनिया, 74 किलो में गुरुग्राम के जितेंद्र, 86 किलो में झज्जर के दीपक पूनिया, 97 किलो में रोहतक के सत्यव्रत कादियान, 125 किलो में झज्जर का सुमित खेलेंगे।
वहीं ग्रीको रोमन के 60 किलो में सोनीपत का ज्ञानेंद्र, 67 किलो में सोनीपत का आंशु, 77 किलो में पंजाब का गुरप्रीत सिंह, 87 किलो में जींद का सुनील कुमार, 97 किलो में जींद का हरदीप, 130 किलो में सोनीपत का नवीन कुमार खेलेंगे। इस तरह इनमें 11 पहलवान हरियाणा के रहने वाले हैं और केवल एक गुरप्रीत सिंह पंजाब का पहलवान है।
एशियन चैंपियनशिप व रैंकिंग सीरीज में मैडल जीतना जरूरी
इन भार वर्गों में जहां 57 किलो में रवि दहिया, 65 किलो में बजरंग पूनिया, 86 किलो में दीपक पूनिया पहले ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके है तो वह ओलंपिक क्वालीफायर में नहीं खेल सकते हैं। इस तरह एशियन ओलंपिक क्वालीफायर के लिए इन भार वर्गों में बाद में ट्रायल होंगे और दूसरे पहलवान खेलने जाएंगे।
वहीं अन्य भार वर्गों के पहलवानों के लिए एशियन चैंपियनशिप व रैंकिंग सीरीज में मेडल जीतना जरूरी हो गया है। क्योंकि भारतीय कुश्ती संघ ने साफ कर दिया है कि अगर इन दोनों जगह पहलवानों का प्रदर्शन ठीक नहीं रहता है तो उनको एशियन ओलंपिक क्वालीफायर में खेलने के लिए ट्रायल देना होगा। संघ के ज्वाइंट सेक्रेटरी विनोद तोमर ने बताया कि पहलवानों को प्रदर्शन के आधार पर ट्रायल देना होगा।