यमुनानगर : धान खरीद और राइस मिलिंग में चल रहे कथित फर्जीवाड़े की जांच के लिए सरकार की तरफ से गठित टीमें फील्ड में उतर गई हैं। विभाग ने 100 से अधिक कर्मचारियों को फिजिकल वेरिफिकेशन के काम में लगा दिया है। विभागीय कर्मचारी 26 नवंबर तक फील्ड से रिपोर्ट एकत्र करके 27 नवंबर को चंडीगढ़ मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट देंगे। दरअसल, इनपुट मिला था कि राइस मिल मालिकों द्वारा कथित तौर पर फर्जी बिल बनाकर धान की खरीद दिखाई गई है।
शिकायतों के बाद सरकार ने फिजिकल वेरिफिकेशन करवाने के निर्देश जारी किए थे। सरकार द्वारा प्रदेश में कुल 1314 राइस मिलों की फिजिकल वेरिफिकेशन की जाएगी। यमुनानगर की सभी 159 मिलों पर 14 टीमें जांच कर रही हैं। शनिवार को दिनभर राइस मिलों पर अधिकारी फिजिकल वेरिफिकेशन के काम में लगे रहे। अधिकारियों ने शनिवार को छछरौली व खिजराबाद के आधा दर्जन राइस मिलर्स पर भी जांच की।
अधिकारियों ने वहां पर पड़े माल की जांच की और अपनी रिपोर्ट तैयार की। जैसे ही क्षेत्र में जांच टीमों के पहुंचने का पता लगा तो राइस मिल संचालकों ने भगदड़ मच गई और वह लोग सारा दिन इधर-उधर भागते नजर आए। वही जांच टीम ने अभी कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है। अचानक आई टीमों से राइस मिलरों में गहरा रोष है। कई राइस मिलर्स का यहां तक कहना है कि सरकार राइस मिलर्स को चोर समझ रही है।
उपायुक्त यमुनानगर द्वारा गठित 6 सदस्य टीम के सभी सदस्य मौके पर मौजूद रहे और सभी सेलरों की गहनता से जांच की गई। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा धान खरीद मामले में धान खरीद चोरी का शक जाहिर होने के बाद राइस मिलों पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। आए दिन राइस मिलों को निशाना बनाया जा रहा है। जिसको लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने प्रदेश भर में राइस मिलरों पर गहनता से जांच करने के लिए आदेश दे दिए।
उपायुक्त की तरफ से छह-छह सदस्यों की 14 टीम बनाकर राइस मिलर्स पर पड़े अनाज की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। इसी कड़ी में शनिवार को यह जांच टीम छछरौली और खिजराबाद पहुंची। जहां पर उन्होंने आधा दर्जन के करीब राइस मिलर्स की जांच की। इस बारे में जांच टीम के इंचार्ज तहसीलदार छछरौली सुरेश का कहना है कि अभी तो जांच चल रही है उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। आज उन्होंने अपनी टीम के साथ दो राइस मिलों को चेक किया है। इसी तरह से दूसरी टीमें भी काम कर रही हैं। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।