चंडीगढ़ : सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख और आदेश के बावजूद भी प्रदेश की भाजपा सरकार ने पीएलपीए संशोधन विधेयक को कानून बनाया है। भाजपा सरकार प्रदेश में मौजूद वन क्षेत्रों को नष्ट करना चाहती है और अपने चहेतों को फायदा पहुंचाना चाहती है। यह बातें हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा ने यहां जारी बयान में कहीं।
कुमारी शैलजा ने एक आरटीआई से हुए खुलासे का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और कड़े रुख के बावजूद राज्यपाल से इस कानून को स्वीकृति मिली और यह कानून बना। उन्होंने कहा कि पिछ्ले वर्ष फरवरी माह में यह विधेयक सरकार ने विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बावजूद पास करवाया था, जिस पर इसके कुछ दिनों बाद मार्च माह में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया था और इसे कानून ना बनाने को कहा था।
उन्होंने कहा कि एक आरटीआई से हुए खुलासे में पता चला है कि प्रदेश सरकार ने पिछ्ले वर्ष जून माह में राज्यपाल से इस कानून के लिए स्वीकृति ली और यह कानून बना, जबकि इससे कुछ महीने पहले मार्च माह में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इसे कानून ना बनाया जाए।
कुमारी सैलजा ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार इस कानून के जरिए नियमों को ताक पर रख कर अवैध निर्माण को मान्यता देने का रास्ता साफ कर रही है। सरकार इस सांसोधन के जरिए अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है उन्होंने कहा कि पूरे देश में सबसे कम हरियाणा प्रदेश में साढे 3 प्रतिशत ही वन क्षेत्र है, जो कि इस कानून के लागू होने के बाद और भी घट जाएगा। इसके लागू होने से जंगल नष्ट होंगे, अवैध माइनिंग और अवैध निर्माण को बढावा मिलेगा।