चंडीगढ : हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने यहां जारी एक प्रैस वक्तव्य में कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार स्थानीय संस्थाओं जिनमें नगर निगम, नगर पालिकायें और पंचायतें शामिल हैं, के चुनाव कराने में जानबूझ कर टाल-मटोल करती आई है। राज्य सरकार द्वारा ऐसा करना प्रजातंत्र पर सीधा-सीधा हमला है और लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करना है।
उन्होंने यह बयान राज्य चुनाव आयोग द्वारा पांच नगर निगमों हिसार, रोहतक, यमुनानगर, पानीपत व करनाल तथा दो नगर पालिकाओं जाखल मंडी (फतेहाबाद) व पुंडरी (कैथल) के चुनाव 16 दिसंबर को कराये जाने की घोषणा पर टिप्पणी करते हुऐ दिया। डॉ. तंवर ने कहा कि फरीदाबाद और गुरूग्राम नगर निगमों के चुनाव करवाने में भी खट्टर सरकार ने बाधा डालने की कोशिश की थी परंतु न्यायालय के आदेश पर उसे मजबूरन चुनाव कराने पड़े थे, जोकि डेढ़ साल देरी से हुए।
उन्होंने कहा कि पंचकूला नगर निगम के चुनाव का मामला भी माननीय न्यायालय में विचाराधीन है और सरकार जानबूझ कर इस मामले में जवाब न देकर चुनावों से भागना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि खट्टर सरकार लोगों के संवैधानिक हितों का हनन करने की कुचेष्ठा के चलते जीन्द उपचुनाव को भी टाल रही है और इस मामले में चुनाव आयोग भी भाजपा के सुर में सुर मिला रहा है।
परंतु कांग्रेस पार्टी यह अन्याय सहन नहीं करेगी और जीन्द का उपचुनाव जल्द करवाने के लिए प्रयास करती रहेगी। डॉ. तंवर ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि वह कब तक कठपुतली चुनाव आयोग की शरण लेकर प्रजातंत्र का हनन करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा को पता है कि उसकी करतूतों का भूत पराजय के रूप में उनके सामने खड़ा है और इसीलिए वो चुनाव कराने में टाल-मटोल करती आ रही है।
डॉ. तंवर ने कहा कि खट्टर सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हुई है। कानून और व्यवस्था इसके काबू में नहीं है, बहु-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, अनुसूचित जातियों और गरीब लोगों पर सरकार के निक्कमेपन के चलते अत्याचार बढ़े हैं, किसानों की स्थिति दयनीय है, कर्मचारी वर्ग अपने अधिकारों को लेकर सडक़ों पर है, व्यापारियों का कारोबार ठप्प पड़ा है।
(आहूजा)