गुरुग्राम: भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके बीएसएनएल कांट्रेक्ट मजदूर संघ के कर्मचारी तीन दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। इस दौरान बीएसएनएल का काम काज भी ठप पड़ा है। इन मजदूरों की न तो सरकारी अधिकारी सुन रहे हैं और न ही ठेकेदार इनका वेतन दे रहा है। इन श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। चार-पांच महीनों से ठेकेदार इनको न तो वेतन दे रहा है और नहीं कोई आवश्वासन। उधर, बीएसएनएल के कोई अधिकारी भी इनकी समस्या का समाधान करने के लिए आगे नहीं आ रहा है। पीडि़त श्रमिकों ने बुधवार को वरिष्ठ महाप्रबंधक कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। श्रमिकों का आरोप है कि अगर उनका वेतन नहीं दिया गया तो आंदोलन तेज होगा। इसकी शिकायत सांसदों और विधायकों तक करेंगे।
बीएसएनएल कांट्रैक्ट मजदूर संघ के अध्यक्ष उपेंद्र राम ने बताया कि इस गर्मी के मौसम में भूखे प्यासे और परेशान मजदूर अपने ही वेतन के लिए तीन दिनों से धरना दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमने अपना मांग पत्र वरिष्ठ अधिकारियों को दिया लेकिन कोई भी अधिकारी उनकी सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार उनका ईएसआई और इपीएफ भी नहीं देता है। आरोप है कि ठेकेदार ने बीएसएनएल से जीरो बैलेंस पर ठेका लिया हुआ है। अध्यक्ष उपेंद्र राय का आरोप है कि जब जीरो बैलेंस पर ठेका लिया है इसलिए ही ठेकेदार कर्मचारियों का इएसआई और ईपीएफ की चोरी कर अपना काम चला रहा है।
बीएसएनएल कांट्रेक्ट संघ के अध्यक्ष ने कहा कि ठेकेदार चार-पांच माह से श्रमिकों का वेतन नहीं दे रहा है। उन्होंने सरकार से भी मांग की है कि बीएसएनएल में चल रहे भ्रष्टचार की निष्पक्ष जांच कराई जाए। कर्मचारियों ने कहा कि एक तरफ मोदी की भाजपा सरकार भ्रष्टाचार समाप्त करने की बात करती है लेकिन दूसरी तरफ सरकारी विभागों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। जहां पर सरकार शायद जानबूझकर देखना ही नहीं चाहती। आज के धरना प्रदर्शन में परिमंडल सचिव गुलाब सिंह ने मौका का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी अगर उनकी बातों को नहीं सुनते हैं तो आंदोलन उग्र किया जाएगा और विधायकों तथा सांसदों को यहां की स्थिति से अवगत कराया जाएगा।
– सतबीर भारद्वाज